- कर्मचारियों की मांगें न माने जाने पर आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
चंडीगढ़
पंजाब रोडवेज़/पनबस स्टेट ट्रांसपोर्ट वर्कर यूनियन रजि: न.1/19 द्वारा पंजाब राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों और कॉन्ट्रैक्ट वर्करों की जायज मांगों के समर्थन में संघर्ष तेज कर दिया है। वर्कर यूनियन ने मांगों को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नही मानती, तब तक उनका संघर्ष और आंदोलन जारी रहेगा।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए यूनियन के प्रधान हरमिंदर सिंह ने बताया कि वर्कर्स की जायज मांगों को लेकर यूनियन पिछले लंबे समय से आंदोलन करती आ रही है। लेकिन किसी भी सरकार ने उन्हें लागू करने से गुरेज ही किया। लेकिन अब वर्कर्स शांत होकर बैठने वाले नही। अब वो अपना हक लेकर ही रहेंगे। उन्होंने बताया कि वर्कर्स की प्रमुख मांगे इस प्रकार से है:-
1. पंजाब रोडवेज/पनबस में वर्ष 2015 से विभागीय कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर,कंडक्टर, वर्कशॉप स्टाफ बतौर काम करते योग्य प्रणाली से विभाग की तरफ से भर्ती किए गए कर्मचारियों को पंजाब रोडवेज/पनबस में रेगुलर किया जाए।
2.रेगुलर के बाद प्रोबेशन पीरियड 1 साल का किया जाए, कर्मचारियों की प्रोमोशन पंजाब रोडवेज की तर्ज़ पर हो।
3. पनबस की कर्ज मुक्त बसो को स्टाफ़ सहित पंजाब रोडवेज में मर्ज किया जाए। ध्वस्त हो चुकी वर्कशॉप बिल्डिंग को नया बनाया जाए।
04.एक विभाग एक भर्ती नीति लागू किया जाए। पंजाब रोडवेज/पनबस में नए कर्मचारियों की भर्ती पंजाब रोडवेज उपक्रम खुद करे। आउटसोर्स कर्मचारियों को विभागीय प्रक्रिया के तहत कॉन्ट्रैक्ट पर लाया जाए।विभाग में नई आउटसोर्स भर्ती पर मुकम्मल रोक लगाई जाए।
5. आधार फ्री होने के कारण सवारी ओवरलोडिंग होती है, जिस करके ड्राइवर को kmpl में अगर कोई दिक्कत आ रही है तो कंडक्टर को बस ओवर लोडिंग होने के चलते टिकट काटने से परेशान सवारियों द्वार गलत व्यवहार किया
जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि उनकी मांगों को लेकर समय समय पर सरकार और विभाग के आलाधिकारियों को ज्ञापन पत्र सौंपा जा चूका है।लेकिन कोरे आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ नहीं मिला, उनकी मांगे जस की तस खड़ी हैं। उन्होंने बताया कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो ट्रांसपोर्ट वर्कर यूनियन अपना संघर्ष और तेज कर देगी।