वर्ल्ड एड्स डे: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने युवाओं से ड्रग्स से दूर रहने और एच आई वी से खुद को बचाने की अपील की

  • स्वास्थ्य मंत्री ने एच आई वी से पीड़ित लोगों को सलाह दी, “सामाजिक कलंक के साथ न जिएं—इलाज करवाएं और स्वस्रथ रहें”
  • डॉ. बलबीर सिंह ने युवाओं से एच आई वी फैलने से रोकने के लिए नीडल शेयर करना बंद करने की अपील की
  • पंजाब ने 2030 तक एच आई वी को कंट्रोल करने का लक्ष्य रखा
  • पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने रयात बाहरा यूनिवर्सिटी में वर्ल्ड एड्स डे मनाया
  • एच आई वी/एड्स की रोकथाम में बेहतरीन काम के लिए 14 संस्थाएं सम्मानित

खरड़ (एस ए एस नगर), 1 दिसंबर:
स्टेट-लेवल वर्ल्ड एड्स डे समारोह को संबोधित करते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने पंजाब के युवाओं से ड्रग्स से दूर रहने, एच आई वी से खुद को बचाने और नीडल शेयर करना तुरंत बंद करने की अपील की।

उन्होंने एच आई वी से पीड़ित लोगों से भी अपील की कि वे सामाजिक बदनामी की वजह से बीमारी को चुपचाप न झेलें, बल्कि समय पर इलाज करवाएं, जिससे वे लंबी, स्वस्थ और प्रोडक्टिव ज़िंदगी जी सकें। उन्होंने कहा, “एच आई वी का इलाज हो सकता है। किसी को भी टेस्टिंग या इलाज से डरना नहीं चाहिए। हमें बदनामी वाली बात खत्म करनी होगी, जागरूकता बढ़ानी होगी और पंजाब को एच आई वी-फ्री बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा।” मंत्री ने 2030 तक एच आई वी को कंट्रोल करने के पंजाब के वादे को दोहराया।

यह समारोह पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (पी एस ए सी एस) ने रयात बाहरा यूनिवर्सिटी, खरड़ में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब के तहत आयोजित किया था। डॉ. बलबीर सिंह मुख्य अतथि के तौर पर शामिल हुए, जबकि स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ-कम-प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी एस ए सी एस, श्री घनश्याम थोरी; रयात बाहरा यूनिवर्सिटी के चेयरमैन-कम-चांसलर, एस. गुरविंदर सिंह; ग्रुप वाइस-चांसलर, प्रो. डॉ. संजय कुमार; और पूर्व विधायक, स. गुरप्रीत सिंह जी पी, विशेष अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह के दौरान, एच आई वी/एड्स की रोकथाम और कंट्रोल में बेहतरीन योगदान देने वाले 14 ऑर्गनाइज़ेशन और सेंटर को सम्मानित किया गया।

इस साल की थीम, “रुकावट को समाप्त करना, एड्स के प्रति अपना व्यवहार बदलना” पर ज़ोर देते हुए, डॉ. बलबीर सिंह ने एच आई वी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में लचकीलेपन, नवीनता और सामुदायिक सहयोग की ज़रूरत पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि 2022 में शुरू हुए नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम का पांचवां फेज़, एच आई वी, एस टी आई और आर टी आई के सामूहिक प्रबंधन पर के केंद्रित है, जिसका मकसद “थ्री 95” को हासिल करना है, भाव एच आई वी के साथ जी रहे 95% लोगों को अपना एच आई वी स्टेटस पता हो, डायग्नोस हुए 95% लोगों को लगातार उपचार मिले, और उपचार ले रहे 95% लोगों को वायरल लोड सप्रेशन (घटाने का इलाज) मिले। अभी, भारत में लगभग 24.67 लाख लोग एच आई वी के साथ जी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब ने एच आई वी की रोकथाम और देखभाल में अहम कदम उठाए हैं। राज्य में 115 आई सी टी सी सेंटर हैं जो मुफ़्त एच आई वी टेस्टिंग करते हैं और 25 ए आर टी सेंटर हैं जो लगभग 68,000 लोगों को मुफ़्त एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ए आर टी) देते हैं। एन जी ओज़ की मदद से, पंजाब भर में 71 टारगेटेड इंटरवेंशन यूनिट्स इंजेक्शन से नशा करने वाले, एम एस एम, ट्रांसजेंडर लोगों, ट्रक ड्राइवरों और प्रवासियों जैसे हाई-रिस्क ग्रुप्स के साथ काम कर रही हैं।

नीडल शेयरिंग से होने वाले संचार को और रोकने के लिए, राज्य सरकारी अस्पतालों और एन जी ओज़ के ज़रिए 43 ओपिओइड सब्स्टीट्यूशन थेरेपी (ओ एस टी) सेंटर चलाता है, जो मुफ़्त नशा छुड़ाने की दवाएँ देते हैं और लोगों को ज़रूरी हेल्थ सर्विसेज़ से जोड़ते हैं।

मंत्री ने आगे बताया कि एच आई वी से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए, पंजाब में एच आई वी/एड्स प्रिवेंशन एंड कंट्रोल एक्ट लागू किया गया है। इसके तहत, राज्य के नियम लागू किए गए हैं, और जालंधर, पटियाला, फरीदकोट, फिरोजपुर और रोपड़ के सिविल सर्जनों को भेदभाव से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए राज्य-लेवल लोकपाल नियुक्त किया गया है। अलग-अलग संस्थानों और संगठनों में शिकायत अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

इस प्रोग्राम में पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. विशाल गर्ग, जॉइंट डायरेक्टर (आई ई सी) श्रीमती पवन रेखा बेरी और दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे।

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