उत्तर प्रदेश में बीते बुधवार को योगी सरकार (Yogi Government) का एक बड़ा एक्शन देखने को मिला| इस एक्शन से यूपी के अंदर पुलिस-प्रशासनिक महकमे में खलबली सी पैदा हो गई| दरअसल, अचानक खबर आई कि उत्तर प्रदेश पुलिस के सबसे बड़े अफसर यानि डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) मुकुल गोयल को उनके पद से हटाया जा रहा है| वहीं, मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाने का जो कारण योगी सरकार ने पेश किया वो बेहद कठोर अंदाज में था| जिसमें बिलकुल साफ-साफ मुकुल गोयल के प्रति योगी सरकार की नाराजगी झलख रही थी|
दरअसल, मुकुल गोयल को UP के DGP पद से हटाते हुए योगी सरकार की तरफ से कहा गया- मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने और अकर्मण्यता के चलते DGP पद से मुक्त किया जा रहा है| यानि शासकीय कार्यों की अवहेलना मतलब मुकुल गोयल सरकार के कामों की अनदेखी कर रहे थे, विभागीय कार्यों में रुचि न लेना मतलब वह अपने डिपार्टमेंट के काम में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे और अकर्मण्य का मतलब उनमें निकम्मापन था| बतादें कि, पुलिस के एक सबसे बड़े अफसर के लिए इस तरह से शब्दों का प्रयोग होना एक हैरान करने वाली बात है| सोशल मीडिया पर इसकी बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है|
बतादें कि, UP के DGP पद से हटाते हुए योगी सरकार ने मुकुल गोयल को अब डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेज दिया है| वहीं, जबतक UP के DGP पद पर कोई नई नियुक्ति नहीं हो जाती है तबतक UP के DGP पद का कार्यभार एडीजी लॉ एड ऑर्डर प्रशांत कुमार संभालेंगे|
1987 बैच के IPS अधिकारी मुकुल गोयल….
बतादें कि, मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश कैडर के 1987 बैच के IPS अधिकारी हैं| योगी सरकार ने पिछले साल जून में ही उन्हें उत्तर प्रदेश का डीजीपी नियुक्त किया था, यानी इस पद पर अभी गोयल को एक साल भी नहीं हुआ था और सीएम योगी ने उन्हें आउट कर दिया। मतलब, सीएम योगी के साथ मुकुल गोयल कदम से कदम नहीं मिला पाए| आपको बतादें कि, उत्तर प्रदेश पुलिस में मुकुल गोयल ने कई बड़े-बड़े पदों पर काम किया है और इस दौरान वह आरोपों के घेरे में भी रहे हैं| मुकुल गोयल को 2007 में तत्कालीन मायावती सरकार में पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। बतादें कि, मुकुल गोयल ने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल में बीटेक डिग्री हासिल की हुई है|