- मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने निजी साइलो को मंडी यार्ड बनाने का फैसला रद्द किया
- अकाली-भाजपा सरकार ने निजी लोगों को लाभ देने के लिए निजी साइलो को खरीद केंद्रों में बदलने का किसान विरोधी फैसला लिया था -बरसट
- पिछले वर्ष की तुलना में 47 अधिक मंडियां स्थापित की गई हैं, किसानों की सुविधा के लिए कुल 1907 खरीद केंद्र कार्य करेंगे: बरसट
चंडीगढ़ 02 अप्रैल
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी पंजाब के महासचिव हरचंद सिंह बरसट ने मीडिया के कुछ वर्गों में दी जा रही गलत जानकारी का जोरदार खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि 26 मार्केट कमेटियों को भंग कर दिया गया है और उनका प्रबंधन निजी साइलो को दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी मार्केट कमेटी भंग नहीं हुई है और न ही ऐसी कोई योजना है।
बरसट ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने निजी साइलो को मंडी यार्ड में बदलने का फैसला रद्द कर दिया है। किसानों की मांगों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि साइलो को मंडी यार्ड बनाने का फैसला 2013 में अकाली-भाजपा सरकार ने लिया था और तब वे साइलो को खरीद केंद्र बनाते थे, लेकिन इस साल सीएम मान ने इस फैसले को डी-नोटिफाई कर दिया।
मंडी बोर्ड चैयरमेन ने कहा कि जहां तक खरीद केंद्रों की संख्या का सवाल है तो किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर साल नए खरीद केंद्र स्थापित किए जाते हैं। अभी तक पंजाब में कुल 1907 खरीद केंद्र हैं। इस बार 47 नए केंद्र और जुड़े हैं। किसानों की सुविधा को मुख्य रखते हुए हर वर्ष मंडियों की संख्या बढ़ाई जाती है। पिछले वर्ष 1860 खरीद केन्द्र थे और इस वर्ष यह संख्या 1907 है, जो पिछले वर्ष से 47 अधिक है।
उन्होंने कहा कि 2013 में 3 साइलो, 2014 में 1 साइलो, 2015 में 4 साइलो, 2017 में 1 साइलो, 2018 में 4 साइलो, 2019 में 1 साइलो, 2021 में 1 साइलो, 2023 में 10 साइलो को खरीद केन्द्र घोषित किया गया। वर्ष 2024 में 12 साइलो को भी खरीद केंद्र घोषित किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने किसी भी निजी साइलो को खरीद केंद्र नहीं बनाने का निर्णय लिया।
बरसट ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब में आगामी खरीद सीजन के लिए उचित प्रबंध किए गए हैं। व्यवस्था बनाते समय किसान, मजदूर, कारीगर, व्यापारी सभी का ध्यान रखा जाता है। बाजारों की साफ-सफाई, पेयजल, बिजली, बैठने के लिए छायादार स्थान आदि की व्यवस्था की जाती है। पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन ने मंडियों को भंग करने की किसी भी खबर से इनकार करते हुए आश्वासन दिया है कि पंजाब सरकार और मंडी बोर्ड किसानों, मजदूरों, आढ़तियों और व्यापारियों की सुविधा के अनुसार काम करते हैं और काम करते रहेंगे।
कंग ने हरसिमरत बादल और प्रताप बाजवा को उनकी सरकारों के दौरान इसका विरोध नहीं करने और निजी साइलो को मंडियों में बदलने के लिए घेरा
कहा- भगवंत मान किसानों का दर्द समझते हैं, उन्होंने प्राथमिकता से इसे डी-नोटिफाई किया
आप पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने निजी साइलो को निजी मंडियों में बदलने पर रोक लगा दी है। इसकी शुरुआत 2013 में अकाली-भाजपा ने की थी और फिर कांग्रेस ने भी इसका अनुसरण किया। उन्होंने हरसिमरत कौर बादल को इस बात के लिए घेरा कि जब राज्य में उनकी सरकार थी तब उन्होंने विरोध नहीं किया। कांग्रेस के शासनकाल में भी वह चुप रहीं। अकाली-भाजपा सरकार में 6 प्राइवेट साइलो को प्राइवेट मंडियों में बदल दिया गया। लेकिन हरसिमरत कौर बादल के मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला। वह इसलिए चुप रहीं क्योंकि अकाली-भाजपा और कांग्रेस सब एक जैसे हैं और सभी कॉरपोरेट घरानों से मिले हुए हैं।
कंग ने प्रताप सिंह बाजवा को भी इस बात पर घेरा कि उनकी सरकार के दौरान आठ निजी साइलो को निजी मंडियों में बदल दिया गया था और उसे डी-नोटिफाई नहीं किया गया। आज किसानों का दर्द समझने वाले भगवंत सिंह मान ने इसे डी-नोटिफाई कर दिया। उन्होंने किसान नेताओं और किसानों से अनुरोध किया कि वे इन नेताओं से इसपर में सवाल करें। उन्होंने कहा कि यह किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि सभी पारंपरिक राजनीतिक दल किसान विरोधी हैं। उन्होंने कभी भी किसानों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया क्योंकि उनके अपने हित बड़े थे।
संजय सिंह की जमानत पर कंग ने पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दी बधाई, इसे सच्चाई की जीत बताया
मीडिया को संबोधित करते हुए कंग ने आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह की जमानत की खबर पर खुशी जाहिर की। कंग ने कहा कि पंजाब के अकाली और कांग्रेस नेताओं के विपरीत, संजय सिंह ने वास्तव में बड़े उत्साह के साथ किसान विरोधी बिलों का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि ईडी के पास उनके या किसी अन्य आप नेता के खिलाफ कोई सबूत नहीं है क्योंकि कोई घोटाला ही नहीं हुआ है। यह सिर्फ हमें रोकने की साजिश है लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि आखिरकार सच्चाई की ही हमेशा जीत होती है।