आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में कोरोना संक्रमण रोकने में ‘योग-प्राणायाम व ध्यान की भूमिका’ विषय का परावर्तन करते हुए ग्रैंड मास्टर अक्षर ने कहा कि बच्चों को क्रीड़ा योग करना चाहिए। बच्चे जितना खेलेंगे-कूदेंगे, वे स्वस्थ रहेंगे। सक्रियता के चलते ही बच्चे इस महामारी से ज्यादा प्रभावित नहीं हुए। इसकी वजह बच्चों की शारीरिक सक्रियता व प्रसन्नता है। हम बच्चों की तरह जीवन में सक्रियता लाकर स्वस्थ रह सकते हैं। इस मौके पर मास्टर अक्षर ने मनोकायिक रोगों के उपचार में सहायक आसनों व मुद्राओं का प्रदर्शन किया तथा विभिन्न रोगों के उपचार की विधियां बतायी।
दरअसल,ग्रैंड मास्टर अक्षर दुनिया में लाखों लोगों के जीवन में योग, प्राणायाम, ध्यान व आध्यात्मिक चिंतन से बदलाव लाये हैं। कोरोना संकट में अपने ऑन लाइन कार्यक्रमों के जरिये वे सार्थक मुहिम चलाते रहे हैं। अपने अभिनव शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, उन्होंने 3000 योग्य योग शिक्षकों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाया है, जो आज योग व आध्यात्मिकता के माध्यम से स्वास्थ्य, शांति और खुशी के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए सक्षम और समर्पित हैं। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के दौरान ग्रैंड मास्टर अक्षर ने अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं और कोविड-19 के रोगियों के शीघ्र स्वास्थ्य सुधार हेतु योग और ध्यान सत्र आयोजित करवाये हैं। पिछले कुछ समय से ग्रैंड मास्टर अक्षर हिमालयी क्षेत्र में योग साधनारत के उपरांत चण्डीगढ़ पहुंचे थे।