- पीजीआई में हमारा देश-हमारी जिम्मेदारी विषय पर सम्मेलन आयोजित
चंडीगढ़।
देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान पीजीआई में नव्य भारत फ़ाउंडेशन के स्थापना दिवस के अवसर पर ‘नव्य भारत मंथन’ राइज़िंग भारत- हमारा देश हमारी ज़िम्मेदारी विषय पर प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करवाया गया, जिसमें भारत के कारगिल विक्टर कैप्टन योगेन्द्र सिंह यादव (परम वीर चक्र ), अशोक कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड पुलिस, डॉ. विरेंद्र गर्ग, ओएसडी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार, वरुण सोनी (आईआरएस), एडवोकेट राजकुमार मक्कड़, पूर्व दिव्यांग आयुक्त, हरियाणा सरकार, साध्वी वैष्णवी भारती, डीजेजेएस, विनीत जोशी, चेयरमैन, जोशी फ़ाउंडेशन, सुप्रसिद्ध लोकगायक सौरव मैठानी जैसे प्रखर वक्ताओं ने विभिन्न सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर के विषयों पर इस राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।
इस मौक़े पर मुख्य वक्ता के नाते राष्ट्रीय बाल संत एवं भारत सरकार के महिला, दलित, आदिवासी कल्याण समिति के सलाहकार एवं जय श्री राम ट्रस्ट के पीठाधीश्वर साहिल जी महाराज भी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें देश का अच्छा नागरिक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाए गए कानूनों पालन करना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। ऐसे में हमें ईमानदारी से अपने दायित्वों व कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के लिए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने व याद दिलाने के लिए कोई विशेष समय नहीं होता। हालांकि संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए हैं, परन्तु साथ ही संविधान में हमारे कर्त्तव्यों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से ही हम अपने अधिकारों का उपयोग करने के योग्य हो पाते हैं।
अपने कर्तव्यों का आवश्यकतानुसार निर्वाह या निष्पादन अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए । कार्यक्रम में प्रोफेसर विपिन कौशल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, पीजीआई व नेशनल चैम्पियन आशीष आदि भी मौजूद रहे। इस मौक़े पर डॉ. अनिरुद्ध उनियाल, फिजियोथेरेपिस्ट, पीजीआई एवं संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष नव्य भारत फाउंडेशन ने बताया कि पीजीआई के इतिहास में पहली बार इस प्रकार का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया और इस कार्यक्रम का लक्ष्य इस देश के युवाओं को राष्ट्र निर्माण के कार्यों के लिए जागरूक एवं प्रेरित करना है। इस मौक़े पर नव्या पारस मैगजीन व एनबीएफ की वेबसाइट भी लॉन्च की गई।