चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिया जाने वाला ऋण जीएसडीपी के अनुपात यानि 3 प्रतिशत की सीमा के अंदर ही है। विकास के अनुरूप जैसे जैसे प्रदेश की जीएसडीपी बढ़ती है, उसी के अनुपात में ऋण लेने की सीमा में भी वृद्धि होती है। जीएसडीपी के अनुपात में जितना ऋण लेना चाहिए, राज्य सरकार उस सीमा में ही ऋण ले रही है।
मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता अपने समय का कर्ज 70 हजार करोड़ रुपये बताते हैं, जबकि उन्हें बिजली निगमों का 27 हजार करोड़ रुपये का कर्ज भी जोड़ना चाहिए। उनके इस 27 हजार करोड़ रुपये को हमने सरकार के खाते में लिया और इस कर्ज को पांच साल में उतारना था। अगले साल तक यह उतर जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता यदि इस 27 हजार करोड़ रुपये की राशि को अपने कर्ज की राशि में नहीं जोड़ते हैं, तो हमें भी इस राशि को कम करके कर्ज बताना पड़ेगा।
इसके अलावा, पिछली सरकार का सार्वजनिक उपक्रमों के कर्ज में से भी 17 हजार करोड़ रुपये कम किया है। मनोहर लाल ने कहा कि वित्त आयोग के अनुसार जीएसडीपी के 3 प्रतिशत तक के अनुपात में सरकार द्वारा ऋण लिया जा सकता है। कोविड-19 के दौरान इस सीमा को बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत किया गया। उस समय भी राज्य सरकार 3 प्रतिशत से नीचे ही रही। जीएसडीपी के अनुपात में जितना ऋण लेना चाहिए, राज्य सरकार उस सीमा में ही ऋण ले रही है।