- -सत्ता में सरकारों के बुरे इरादों और नीतियों के कारण धरने पर बैठे हैं कर्मचारी और शिक्षक- हरपाल सिंह चीमा
- -कहा, परिवहन माफिया, बालू माफिया और शराब माफिया चल रहे अंधाधुंध, लूट रहे हैं पंजाब का खजाना
- -सरकार के पास पैसों की नहीं, नीयत की कमी- अनमोल गगन मान
खरड़/चंडीगढ़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), पंजाब के अधीन काम कर रहे कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब में ‘आप’ सरकार बनने पर एनएचएम के कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। चीमा ने पार्टी की युवा शाखा की सह-अध्यक्षा अनमोल गगन मान के साथ मंगलवार को खरड़ में एनएचएम कर्मचारियों की राज्य स्तरीय धरना रैली का दौरा कर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। रैली में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, डॉक्टरों, नर्सों, क्लर्क और एनएचएम के अधीन अन्य संविदा कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
इस मौके पर हरपाल सिंह चीमा ने एनएचएम कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1987 तक पंजाब का बजट सदैव सरप्लस था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1987 से वर्ष 1992 तक पंजाब में राष्ट्रपति शासन था, जिसमें राज्य पर 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था। उस समय मूृल रूप से पंजाब से, देश के प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था। चीमा ने कहा कि वर्ष 1992 से अब तक सिर्फ दो पार्टियों, (दो परिवारों) बादल-भाजपा और कांग्रेस ने ही पंजाब पर राज किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने अपने शासनकाल में राज्य को खूब लूटा और आज पंजाब पर कुल 3 लाख करोड़ रूपये का से अधिक का कर्जा चढ़ा दिया गया है।
चीमा ने बादल और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘यदि इन पार्टियों और नेताओं ने अच्छा प्रबंधन किया होता, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को महत्व दिया होता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू किया होता तो खजाना खाली नहीं होता।’’ आज पंजाब एक ऐसा राज्य है जिस पर सबसे अधिक कर्जा है। यह पंजाब पर अब तक शासन करती आ रही सरकारों की ही गलती है कि आज कर्मचारी, शिक्षक और युवा धरने और विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने आगे कहा कि आज पंजाब में परिवहन माफिया, बालू माफिया, शराब माफिया अंधाधुंध जारी हैं, जो राज्य का खजाना लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस राजकोष से वेतन मिलना चाहिए था, कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए था, इन माफियाओं ने उस खजाने को खाली कर दिया है। चीमा ने कहा कि एनएचएम के तहत करीब 12,000 कर्मचारी पिछले 12 से 15 वर्षों से न्यूनतम वेतन पर पंजाब में काम कर रहे हैं, जो चाहते हैं कि उनकी नौकरी नियमित हो और वेतन में वृद्धि हो। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय तक समर्पण और जिम्मेदारी से काम करने के बावजूद अनुभवी कर्मचारियों की नौकरी नियमित नहीं की गई।
हरपाल सिंह चीमा ने तंज कसते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को ‘एलान मंत्री’ बताते हुए कहा कि सीएम द्वारा की जा रही किसी भी घोषणा को धरातल पर लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि चन्नी ने दो दिन के भीतर कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने का दावा किया था, लेकिन घोषणा के अलावा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘चन्नी एक कमजोर मुख्यमंत्री हैं, जिनके पास पंजाब को बचाने का कोई विजन नहीं है।’’ चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र की ओर कोई ध्यान नहीं है और ये क्षेत्र केवल इन कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत के बूते चल रहे हैं।
इस मौके पर अनमोल गगन मान ने कहा कि यदि सरकार की मंशा होगी तो ही वह लोगों की समस्याओं और मांगों को सुनेगी। उन्होंने कहा कि लोग पारंपरिक पार्टियों को बार-बार अवसर देते रहे लेकिन उन्होंने राज्य को लूटना और लोगों को परेशान करना बंद नहीं किया। उन्होंने आगे कहा कि युवा बेरोजगार हैं और नशे के जाल में फंस गए हैं। सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है, लेकिन इरादे की कमी है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार जो कहती है, उसे लागू भी करती है, जैसा कि दिल्ली में करके दिखाया गया है। हम आपको धरने पर बैठने नहीं देंगे। सभी को मौका दिया गया है, अब असल बदलाव के लिए ‘आप’ को मौका जरूर दें।