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विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘ओनली वन अर्थ’ के साथ इंटरैक्टिव सत्र एसोचैम के साथ

चंडीगढ़

एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ, चंडीगढ़ के सहयोग से इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) की थीम ‘ओनली वन अर्थ’ को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ बर्ड पार्क, सेक्टर 1, चंडीगढ़ में उपस्थित छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन कर विश्व पर्यावरण दिवस 2022 मनाया।

इस इंफॉर्मेटिव सेशन में रयात बहरा विश्वविद्यालय और इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल बैंकिंग के 40 से अधिक छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। इस सेशन के दौरान मौजूद प्रख्यात स्पीकर्स में – देबेंद्र दलाई, आईएफएस, सीसीएफ डायरेक्टर एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, चंडीगढ़; प्रवीण यादव, आरएफओ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ तथा दृश्मीत बुट्टर, को-चेयरमैन एसोचैम चंडीगढ़ यूटी डेवलपमेंट काउंसिल मौजूद रहे।

दलाई ने सेशन में उपस्थित छात्रों एवं लोगों को शहर के पर्यावरण की बेहतरी के लिए यूटी एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा की गई हरित पहल जिनमे साइकिल ट्रैक बिछाने से लेकर, इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन एवं सोलर पैनल इंस्टालेशन जैसी पहलों को लेकर अवगत कराया। इसके अलावा शहर की हरियाली के बारे में बात करते हुए दलाई ने मौजूद छात्रों को आगे बताया कि, चंडीगढ़ एक ऐसा शहर है जिसमे बढ़ती आबादी के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट भी बढ़ी है।”

दृश्मीत बुट्टर ने कहा, “आज के इस सेशन का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के बढ़ते गंभीर मुद्दों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना था। आज हम ग्लोबल वार्मिंग से लेकर कार्बन उत्सर्जन में बढ़ती वृद्धि और जैव विविधता के नुकसान तक से लेकर कई संकटों का सामना कर रहे हैं। अब भी उचित समय है कि हम अपनी इस प्रकृति को बचाने के लिए एक सामूहिक जिम्मेदारी लें।”

इसके साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दलाई जी के डायनामिक विज़न की बदौलत ही आज शहर की ग्रीन बेल्ट 46 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई है

नौजवान छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, देबेंद्र दलाई, आईएफएस, सीसीएफ डायरेक्टर एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ ने कहा,” वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी डब्लूईडी की इस वर्ष की थीम ‘ओनली वन अर्थ’ इस वर्ष की सबसे उपयुक्त थीम है। अब पुनर्विचार करने और समर्पित करने का समय आ चुका है कि हम मदर नेचर की रक्षा के लिए आगे आएं,क्योंकि हमारे पास रहने के लिए मात्र एक ही ग्रह है। इसके अलावा हमें अपनी भावी पीढ़ी और पर्यावरण की बेहतरी के लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों का निरंतर उपभोग करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि यह दिन-ब-दिन बेहद कम होते जा रहे है।

प्रवीण यादव, आरएफओ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ ने सतत विकास के महत्व पर जोर दिया। यादव ने कहा कि, “वर्तमान और भावी पीढ़ियों के अधिकारों का सम्मान करते हुए हमें प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने की सख्त जरूरत है। हमें मदर नेचर की सुरक्षा और घटते प्राकृतिक संसाधनों को बहाल करने के लिए सतत विकास डिजाइनों को अपनाने की जरूरत है।

इवेंट के दौरान, एसोचैम ने लोगों के बीच बर्ड डायवर्सिटी के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर शहर के पहले बर्ड फेस्टिवल का आयोजन करने की भी घोषणा की।

कार्यक्रम का समापन एसोचैम के अधिकारियों ने देबेंद्र दलाई, आईएफएस, सीसीएफ डायरेक्टर एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, चंडीगढ़ तथा अन्य उपस्थित मेहमानों को पौधे सौंपकर किया।

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