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कॉर्मेल कॉन्वेंट स्कूल में 250 साल पुराना पेड़ गिरा, 1 बच्चे की मौत, 19 घायल

 

 

चंडीगढ़

सेक्टर 9 स्थित कार्मल कान्वेंट स्कूल में पीपल का पेड़ गिर जाने से एक 16 वर्षीय लड़की की जान चली गई वहीं 19 बच्चे घायल हुए हैं। स्कूल की एक महिला अटेंडेंट भी घायल हुई है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे घटना घटी। उस समय बच्चे लंच कर रहे थे। मृतक लड़की की पहचान हिराक्षी के रूप में हुई है, जो सेक्टर 43 में रहती थी। वहीं, 40 वर्षीय महिला अटेंडेंट भी घायल हो गई है। हादसे में 16 साल हर्षिता की हालत गंभीर थी। जिसे जीएमएचएच 16 से पीजीआई शिफ्ट किया गया। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। हादसे में घायल 11 बच्चों का सेक्टर 16 के गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनकी स्वास्थ्य जांच करने के बाद डिस्चार्ज किया जाएगा। डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज की देखरेख में बच्चों का इलाज हो रहा है।

वहीं दूसरी ओर 4 बच्चों को मोहाली के फोर्टिज अस्पताल और 2 को सेक्टर 34 के मुकुट अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इन सभी की हालत स्थिर बनाई जा रही है। घटना में महिला अटेंडेंट और एक बच्चे को जीएमएसएच 16 से पीजीआई शिफ्ट किया गया है।घटना को लेकर होम सेक्रेटरी, डिप्टी कमिश्नर, चीफ कंजरवेट ऑफ फोरेस्ट और हेल्थ सेक्रेटरी ने जीएमएसएच 16 और पीजीआई का दौरा किया और बच्चों का हाल चाल जाना। जो पेड़ गिरा वह करीब 250 साल पुराना था। प्रशासन ने इसे हैरिटेज ट्री का दर्जा देकर संरक्षित किया था। इसे चारों तरफ से सीमेंट से कवर किया हुआ था। एसएसपी कुलदीप सिंह चहल समेत कई पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। सेक्टर 3 थाना पुलिस घटना की जांच कर रही है। वहीं गिरे पेड़ की शाखाओं को कटाने के लिए क्रेन का सहारा लिया गया।


राहत का कार्य काफी देर तक चलता रहा। घटना के बाद चंडीगढ़ नगर निगम, फोरेस्ट डिपार्टमेंट, होट्रीकल्चर विंग के अधिकारियों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। यह टीम शहर के स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के पास लगे ऐसे पेड़ों की जांच कर रहे हैं ताकि ऐसा कोई और हादसा न हो। घटना की जानकारी मिलते ही कई बच्चों के परिजन स्कूल पहुंचे। उन्हें गेट के बाहर रोक लिया गया, जिसके बाद उन्होंने स्कूल में दाखिल होने की मांग की। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी स्कूल के बाहर तैनात किया गया। जिस पेड़ के गिरने से यह हादसा हुआ है उसे हैरिटेज ट्री का दर्जा हासिल था। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि स्कूल जैसी जगह पर ऐसे हैरिटेज पेड़ का क्या काम। हैरिटेज पेड़ कभी तो पुराना होकर गिरना ही था। प्रशासन को उसका हैरिटेज ट्री लव क्या बच्चों की जान से ज्यादा प्यारा था। इतने पुराने पेड़ को यहां से कटवाने या इसकी छंटनी करवाने के बारे में क्यों नहीं सोचा गया?

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