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यातायात कानूनों को सख्ती से लागू करने के प्रति पंजाब सरकार का उदासीन रवैया, अपराध बढ़ने के लिए जिम्मेदार : सोई

चंडीगढ़

राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क व परिवहन मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य डॉ कमल सोई ने आज चंडीगढ़ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि नकली नंबर प्लेटों के उपयोग के कारण अपराधों की घटनाओं जैसे कि मोहाली में राज्य खुफिया मुख्यालय पर हमला और सिद्धू मूसेवाला की हत्या के प्रमुख मामलों में फर्जी नंबर प्लेट के उपयोग के कारण अपराधों और घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सख्त यातायात कानूनों को लागू करने और खासकर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटों को लगाने के प्रति सरकार का उदासीन रवैया इसके लिए जिम्मेदार है।

हाल ही के दिनों में जो कुछ बड़े अपराधिक मामले सामने आए हैं उनमें अपराधियों ने वाहनों में नकली नंबर प्लेट का इस्तेमाल करते हुए अंजाम दिया है। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटों (एचएसआरपी) को लागू करने की योजना पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 2012 में शुरू की गई थी और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्रोमियम-आधारित होलोग्राम में आने वाली ये प्लेट्स रजिस्ट्रेशन नंबरों को एक समान मानकीकृत आकार प्रदान करती हैं और इससे ये जालसाजी पर रोक लगाने में मददगार साबित होती है। इसके अलावा, प्लेटों को स्नैप लॉक के साथ लगाया जाता है। आगे और पीछे लगाए जाने वाली नंबर प्लेटों में अल्फा न्यूमेरिकल लेजर आइडेंटिफिकेशन नंबर होते हैं जिसे चिपकाने पर वाहन का नंबर सेंटर डेटाबेस वाहन के साथ पंजीकृत हो जाता है।

डॉ सोई ने कहा कि “एचएसआरपी योजना को सही मायने में लागू करना पंजाब के लिए अधिक प्रासंगिक है क्योंकि यह पड़ोसी देश साथ अपनी सीमा साझा करता है, योजना के अनुसार, 1 अप्रैल, 2019 के बाद निर्मित सभी नए वाहनों में एचआरएसपी को बिक्री के समय वाहन डीलर द्वारा ही लगाना अनिवार्य कर दिया गया था। समस्या पुराने वाहनों के साथ उत्पन्न होती है, जो 1 अप्रैल, 2019 से पहले पंजीकृत किए गए थे। डॉ सोई ने समझाया कि पंजाब में आज भी लगभग 40 लाख पुराने वाहन हैं जो बिना एचएसआरपी के सड़कों पर चल रहे हैं।

“पिछली राज्य सरकार ने पुराने वाहनों में एचआरएसपी के कार्यान्वयन के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए थे इनमें जागरूकता अभियान, के अलावा तत्कालीन परिवहन मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित प्रेस विज्ञप्तियां जारी करना शामिल था। जब इस तरह के कदम उठाए जा रहे थे तब हमने एचआरएसपी को लगाने की पहल में कुछ गति देखी हालांकि, वर्तमान राज्य सरकार ने अभी तक इसमें ऐसी कोई पहल नहीं की है । इसके परिणाम स्वरूप वाहन मालिकों में इसको लगाने के प्रति उदासीनता आ गई है और वे अब भी बगैर एचएसआरपी के वाहनों को चला रहे हैं।

उन वाहन मालिकों पर जिन्होंने अभी तक अपने वाहनों पर एचआरएसपी नहीं लगाया है उन पर परिवहन विभाग, पंजाब सरकार ने 27 जुलाई, 2020 को जारी एक अधिसूचना के जरिए जुर्माना / चालान राशि तय की थी। इसके अनुसार पहले अपराध के लिए 2000 रुपये ,और इसके बाद के अपराधों के लिए 3000 का जुर्माना तय किया गया था। हालांकि, इन जुर्माना राशि को लगाने के लिए राज्य में कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा कभी भी कोशिश नहीं की गई। तुलनात्मक रूप से, पड़ोसी राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश में एचएसआरपी के कार्यान्वयन के मामले में कहीं अधिक सख्ती दिखाई है। इन राज्यों में नियमों का पालन न करने के लिए वाहन चालकों पर 5000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

आज, यदि हम मोहाली या किसी अन्य पड़ोसी शहर से चंडीगढ़ में ड्राइव करते हैं, दिखाई देता है कि यहां पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है। यूटी में ट्रैफिक पुलिस की सतर्कता साफ नजर आ रही है और इससे लोग चंडीगढ़ में नियमों का पालन करना शुरू कर देते हैं लेकिन जिस क्षण आप पंजाब के अधिकार क्षेत्र के शहरों में कदम रखते हैं हर कोई रिलैक्स हो जाता है। इस “चलता है” रवैये को बदलने की जरूरत है। पंजाब में बदमाश फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट फर्जी तरीके से चिपका रहे हैं और अपराध कर रहे हैं और अधिकारियों द्वारा पकड़े बिना आसानी से भाग जाते हैं। इस खतरे को रोकने के लिए पंजाब में कानून का पालन करने वाली एजेंसियों द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है जो कि शहरों, विशेष रूप से राज्य और बड़े पैमाने पर राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, “हमें राज्य में हाल ही में हुई सभी घटनाओं और वाहनों में एचएसआरपी को नहीं लगाने के चलन को मिलाकर देखने की आवश्यकता है” ऐसी सभी घटनाओं में एक ही बात निकलकर आती है और वह है अपराधों में नकली नंबर प्लेटों का इस्तेमाल होना है।

उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के सभी वाहनों में एचएसआरपी लगा दी जाती हैं तो ये अपराधी कहां से फर्जी नंबर प्लेट लेकर आएंगे , क्योंकि उनके जारी करने का नियंत्रण आरटीए कार्यालयों या ऑटो डीलरों के पास ही है । उन्होंने राज्य परिवहन विभाग को पंजाब में इस योजना को लागू करने अपने अधिकारियों के लिए तत्काल आवश्यक निर्देश जारी करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी वाहनों में एचएसआरपी लगाने के लिए उचित समय सीमा तय की जानी चाहिए।

डॉ कमल सोई राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद, सड़क और परिवहन मंत्रालय भारत सरकार, के सदस्य और एनजीओ राहत – द सेफ कम्युनिटी फाउंडेशन और ग्लोबल सोसाइटी ऑफ सेफ्टी प्रोफेशनल्स के अध्यक्ष हैं । डॉ सोई का एनजीओ ‘राहत – द सेफ कम्युनिटी’फाउंडेशन’ लगभग 20 वर्षों से सड़क सुरक्षा के मुद्दों को उठा रहा है और इसे राज्य , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए मान्यता दी गई है

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