Breaking News

200 से अधिक बीमारियों का कारण बनता शराब का सेवन

  • रोकथाम नशीली दवाओं की लत का सर्वोत्तम उपचार
  • 11,000 से अधिक नशा करने वालों का स्वेच्छा से इलाज कर चुके डॉ राजिंदर सिंह

चंडीगढ़ 

नशा एक बार-बार होने वाला मस्तिष्क विकार है, जिसके कारण व्यक्ति को नुकसान होने के बावजूद बार-बार ड्रग्स लेना पड़ता है, डॉ राजिंदर सिंह, 90 वर्षीय चंडीगढ़ स्थित मनोचिकित्सक और समाज सेवक ने बताया। 1991 में इंडियन आर्मी में सीनियर एडवाइजर- साइकाइट्री के पद से रिटायर होने के बाद 11,000 से अधिक नशा करने वालों का स्वेच्छा से इलाज कर चुके है । ड्रग एब्यूज और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर पुस्तक “बी अवेयर एंड बीवेयर ऑफ ड्रग्स” के विमोचन पर डॉ राजिंदर सिंह ने कहा कि ये पुस्तक विशेष रूप से विभिन्न प्रकार की ड्रग्ज़ के नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित है। पुरानी कहावत “रोकथाम इलाज से बेहतर है” बहुत उपयुक्त है क्योंकि ड्रग्ज़ लेना आसान है लेकिन ड्रग्ज़ से बाहर निकलना बहुत मुश्किल। डॉ राजिंदर सिंह, वर्तमान में दो नशा मुक्ति केंद्रों के निदेशक और स्वयं सेवक हैं, एक चीमा (संगरूर) पंजाब में और दूसरा हिमाचल प्रदेश में बारू साहिब (सिरमौर) में। कलगीधर ट्रस्ट द्वारा संचालित ये केंद्र दोनों राज्यों में सबसे बड़े नशामुक्ति केंद्र हैं।

डॉ राजिंदर ने कहा कि उपचार योजना में आध्यात्मिकता को शामिल करने से उन रिक्तियों को भर दिया जाता है जो एडिक्शन के मरीज़ ड्रग्स या शराब से भरने की कोशिश करते है । यह ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति केंद्रों में समग्र उपचार के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।

डॉ राजिंदर सिंह बताते हैं कि शराब के बारे में एक गलत धारणा है कि यह कुछ बीमारियों से राहत दिलाने में उपयोगी है, जबकि यह अन्यथा है और 200 से अधिक बीमारियों का कारण बनता है। लगभग 50 प्रतिशत सड़क हादसों में शराब का सेवन होता है। जबकि तंबाकू सबसे आम व्यसनों में से एक है और सभी तरह के कैंसर के लगभग 40 प्रतिशत का कारण है। भारत में हर साल दस लाख लोग तंबाकू सेवन के कारण मर जाते हैं। जागरूकता पैदा करने और दवाओं पर शिक्षा प्रदान करके लाखों मौतों और बीमारियों को रोका जा सकता है। पुस्तक का विमोचन डॉ सविता मल्होत्रा, पूर्व डीन और प्रोफेसर और हेड डिपार्टमेंट ऑफ साइकियाट्री, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ ने किया, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं।

डॉ नीलम कौर, सलाहकार, स्वास्थ्य और शिक्षा, कलगीधर ट्रस्ट बरू साहिब भी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम में नशा करने वालों के रिश्तेदारों और अभिभावकों की उपस्थिति को चिह्नित किया गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *