चण्डीगढ़
जड़ों से जुड़ो संस्था द्वारा पहली बार महिलाओं द्वारा संचालित एवं अभिनीत लव – कुश पर नाट्य प्रस्तुति का टैगोर थियेटर में मंचन किया गया जिसमे 7 साल से 78 साल की महिला कलाकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि जस्टिस दया चौधरी, दिव्यांग आयोग के चेयरमैन राज कुमार मक्कर, सत्यपाल जैन, लतिका शर्मा, रंजीत मेहता, साध्वी कृष्ण कांता व प्रान्त प्रचारक प्रमोद इ डीप जला कर किया। इस अवसर पर साध्वी मनीषा, साध्वी अमुता दीदी, स्वामी दिनेश्वरानंद, काजल मंगलामुखी, इंद्रा सेन घोष, लेखिका मंजू मल्होत्रा, सुनीता धारीवाल,के साथ भारत विकास परिषद के सदस्य,और ट्राईसिटी के समाजसेवी और सहयोगी संस्थाएं भी उपस्थित रहीं।
इस अवसर पर कार्यक्रम की आयोजनकर्ता एकता नागपाल ने बताया कि यह नाटक दिव्यांगों को समर्पित था। दर्शकों के रूप में मुख्यतः दिव्यांग एवं बच्चों को आमंत्रित किया गया जिसमें भारत के अलग-अलग जगहों से एसिड अटैक सर्वाइवर बेटियां भी शामिल थीं। उन्होंने अपने दर्दनाक क्षणों की पीड़ा भी सबसे सांझा की। एकता नागपाल ने बताया के हमारी कोशिश समाज को यह संदेश देने की है कि हमें दिव्यांगों को तिरस्कार की नज़र से न देखकरउन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग तो जन्म से अथवा दुर्घटनावश ऐसे हैं, मगर एसिड अटैक से पीड़ित बेटियों को हमारे सामाजिक नैतिक मूल्यों के पतन ने यह कष्टदायक जीवन दिया है, इसलिए बहुत जरूरी है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें।
इस नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक और लेखक श्याम जेटली ने किया। इस अवसर पर महिला कलाकारों प्रतिभा सिंह, सुनीता शेखर, रेणु चावला, रुचिता गर्ग, शिवानी दुआ, रूपम, वंदना, दीपिका, पुष्पा जुनेजा, रूमी गुप्ता, सविता गर्ग, रितु गर्ग, सुनीता राणा, हर्षिता अरोरा, खुशबू, कनिका, खुशी, समायरा धान्या, प्रिशा आदि ने नाटक में भाग लिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की आयोजनकर्ता एकता नागपाल ने बताया कि यह नाटक दिव्यांगों को समर्पित था। दर्शकों के रूप में मुख्यतः दिव्यांग एवं बच्चों को आमंत्रित किया गया जिसमें भारत के अलग-अलग जगहों से एसिड अटैक सर्वाइवर बेटियां भी शामिल थीं। उन्होंने अपने दर्दनाक क्षणों की पीड़ा भी सबसे सांझा की। एकता नागपाल ने बताया के हमारी कोशिश समाज को यह संदेश देने की है कि हमें दिव्यांगों को तिरस्कार की नज़र से न देखकरउन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिव्यांग तो जन्म से अथवा दुर्घटनावश ऐसे हैं, मगर एसिड अटैक से पीड़ित बेटियों को हमारे सामाजिक नैतिक मूल्यों के पतन ने यह कष्टदायक जीवन दिया है, इसलिए बहुत जरूरी है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें।
इस नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक और लेखक श्याम जेटली ने किया। इस अवसर पर महिला कलाकारों प्रतिभा सिंह, सुनीता शेखर, रेणु चावला, रुचिता गर्ग, शिवानी दुआ, रूपम, वंदना, दीपिका, पुष्पा जुनेजा, रूमी गुप्ता, सविता गर्ग, रितु गर्ग, सुनीता राणा, हर्षिता अरोरा, खुशबू, कनिका, खुशी, समायरा धान्या, प्रिशा आदि ने नाटक में भाग लिया।