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बढ़ते खतरे से निपटने के लिए नई दवाओं और वैक्सीन की खोज करें : राज्यपाल दत्तात्रेय

चंडीगढ़।
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने प्रमुख दवा कंपनियों से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें ”एंटीमक्रोबियल रेजिस्टेंस” (एएमआर) के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए विशेष रूप से एंटीबायोटिक दवाओं के नए वर्गों और वैक्सीन विकास के वैकल्पिक तरीकों से नई दवाओं की खोज करनी होगी क्योंकि रोगाणुरोधी प्रतिरोध/एएमआर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती है तथा वर्तमान एंटीबायोटिक्स अब बेअसर हो रही हैं। राज्यपाल आज यहां नई दिल्ली के इंडिया हैवीटेट सेंटर में ”एंटीमैक्रोबियल रेजिस्टेंस, नोवल ड्रग डिस्कवरी एंड वैक्सीन डिवैल्पमेंट: चैलेंजेज एंड ओपरचूनिटिस” (”रोगाणुरोधी प्रतिरोध, नवीन औषधि खोज और वैक्सीन विकास चुनौतियां और अवसर”) विषय पर एसआरएम विश्वविद्यालय, दिल्ली-एनसीआर, सोनीपत द्वारा आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित वैज्ञानिकों व साइंस जगत के लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज यहां पर अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर अपने शोध कार्य प्रस्तुत करने के लिए दुनिया भर के कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक उपस्थित हैं और अन्य वैज्ञानिकों के यहां पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एएमआर को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण खतरों में से एक के रूप में चिन्हित किया गया है।

राज्यपाल ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि अनुमान है कि वर्ष 2050 तक दुनिया भर में लगभग दस मिलियन मौतें एएमआर के कारण हो सकती हैं। अगर हमने इसके विरूद्ध समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की तो यह कोविड-19 महामारी से भी बदतर हो सकती है। हालाँकि, इस प्रयास में वैज्ञानिक बाधाओं से लेकर नियामक बाधाओं और आर्थिक विचारों तक कई चुनौतियां हैं। उन्होंने बताया कि रोगाणुरोधी प्रतिरोध से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इसके लिए एंटीबायोटिक उपयोग को अनुकूलित करते हुए रोगाणुरोधी प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने, प्रतिरोधी रोगजनकों के प्रसार को कम करने के लिए संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण उपायों को लागू करने तथा विश्व स्तर पर रोगाणुरोधी प्रतिरोध रुझानों को ट्रैक करने के लिए निगरानी प्रणालियों में निवेश करना आवश्यक है।

इस मौके पर इजऱाइल के वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर एडा योनाथ, एसआरएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर परमजीत एस जसवाल, एसआरएम ग्रुप की निदेशक सुश्री हरिनी रवि, कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर वी सैमुअल राज सहित देश-विदेश से आए हुए वैज्ञानिक, साइंसजगत के दिग्गज व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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