चण्डीगढ़
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित गांधी स्मारक भवन में एक मीडिया संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय था “पत्रकारों के सामाजिक दायित्व” संगोष्ठी में दैनिक अर्थ प्रकाश चंडीगढ़ के संपादक महावीर जैन मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर हरियाणा सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व संयुक्त निदेशक अरुण जौहर मुख्य वक्ता थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं चंडीगढ़ के गांधी स्मारक निधि के निदेशक देवराज त्यागी ने की।
मुख्य वक्ता अरुण जौहर ने पत्रकारों के सामाजिक दायित्व विषय पर विस्तार से अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का सिलसिला 16 नवंबर 1966 से प्रारंभ हुआ। संविधान के अनुछेद 19 के अंतर्गत भारत की आजादी स्वतंत्र लेखन की आजादी के अधिकारों को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करने के लिए तथा पत्रकारों के सामने आने वाली कठिनाइयों के समाधान हेतु प्रेस काउंसिल आफ इंडिया का गठन किया गया। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन नियुक्त हुए। श्री जौहर ने कहा कि आजादी से पहले पत्रकारिता एक मिशन था, लेकिन गत 75 वर्षो में पत्रकारिता पूर्ण रूप से एक उद्योग का रूप ले चुकी है। आज पैसा कमाना ही मीडिया हाउसेस का मुख्य उद्देश्य रह गया है। सामाजिक दायित्वों के प्रति प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अपनी तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत के गरीब एवं पिछड़े वर्ग की आवाज को उठाने में आज प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पूर्ण रूप से विफल रहा है। इसकी ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्री महावीर जैन महावीर जी ने कहा कि मीडिया या प्रेस अपने आप में स्वतंत्र तो है लेकिन उन इसकी ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के वरिष्ठ पत्रकार महावीर जैन ने कहा कि मीडिया या प्रेस अपने आप में स्वतंत्र तो है लेकिन उन्हें स्वयं अपने लिए कुछ लक्ष्मण रेखाएं खींचनी चाहिए, जो कि समय की मांग भी है। सामाजिक दायित्वों के प्रति मीडिया को और अधिक जागरूक होना ही होगा। संगोष्ठी निदेशक देवराज त्यागी ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान जिस निष्पक्षता और इमानदारी से पत्रकारों ने अपनी भूमिका निभाई थी। आज उसी जोश और जज्बे व इमानदारी के साथ पत्रकारों को अपना दायित्व निभाना चाहिए। संगोष्ठी में आनन्द राव, अमनजीत सिंह, पापिया चक्रवर्ती, गुरप्रीत आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।