चंडीगढ़,
भारत के संविधान की महत्ता को और मज़बूती देने के लिए पंजाब राज भवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राज्यपाल पंजाब और प्रशासक यू.टी. चण्डीगढ़ श्री बनवारीलाल पुरोहित के नेतृत्व में प्रस्तावना में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार जीवन जीने का संकल्प लिया। उन्होंने प्रस्तावना पढ़ी और इसकी भावना को बनाए रखने का संकल्प लिया।
भारत के संविधान को अपनाए जाने को याद करते हुए राज्यपाल पंजाब और प्रशासक यू.टी. चण्डीगढ़ ने कहा कि कुछ दिन और अवसर ऐसे होते हैं जो अतीत के साथ हमारे संबंधों को मज़बूत करते हैं और हमें बेहतर भविष्य के लिए काम करने के लिए प्रेरित करते हैं और संविधान दिवस ऐसा ही एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान वैश्विक लोकतंत्र की सर्वोत्कृष्ट उपलब्धि है। यह हमें न केवल अधिकारों के प्रति जागरूग करता है, बल्कि हमें हमारे कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक करता है।
उन्होंने कहा कि हमें आज के दिन को अपने कार्यों पर चिंतन करने के अवसर के रूप में लेना चाहिए और यह देखना चाहिए कि हम एक व्यक्ति, एक परिवार और एक समाज के तौर पर अपने कर्तव्यों जिनकी हमसे अपेक्षा की जाती है, के प्रति गंभीर हैं। उन्होंने कहा ‘‘हरेक काम और निर्णय के साथ अपने आप को सवाल करें कि आप जो भी कर रहे हो, क्या यह आपके देश को मज़बूत करता है; सकारात्मक जवाब इस बात का संकेत है कि हम एक नागरिक होने के नाते सही रास्ते पर हैं।’’
उन्होंने कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि संवैधानिक मुल्यों को मज़बूती देने के लिए अपने कर्तव्यों की ओर ध्यान केंद्रित करना, हमारा सर्वोत्तम प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम अपने संविधान के आदर्शों को बनाए रखें और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करें।’’