- चंडीगढ़ तो झांकी है,पंजाब अभी बाकी है: भगवंत मान
- पंजाब में आपसी भाईचारे और अमन शांति के लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पटियाला में निकाले शांति मार्च को मिला जबरदस्त समर्थन
पटियाला/ चंडीगढ़,
पंजाब की सुख शांति और खुशहाली के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब की ओर से पटियाला में शांति मार्च निकाला गया, जिस की अगुवाई ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की। इस मौके पर अरविंद केजरीवाल, पंजाब प्रधान भगवंत मान और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा समेत आप नेताओं ने ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब और श्री काली माता मंदिर जाकर माथा टेका और पंजाब में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रार्थना की। इससे पहले केजरीवाल और उनके सहयोगियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्मारक पर माल्यार्पण किया। प्रसिद्ध शेरांवाला गेट से शुरू हुआ यह शांति मार्च चिल्ड्रन मेमोरियल चौक तक निकाला गया जिसमें भारी संख्या में तिरंगा पकडक़र पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेता शामिल हुए।
अरविंद केजरीवाल ने शांति मार्च में शामिल हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ”पंजाब में अगले कुछ दिनों में चुनाव होने हैं। कुछ लोगों ने अपने गंदे काम शुरू कर दिए हैं। अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में बेअदबी का प्रयास किया गया और लुधियाना में बम विस्फोट किया गया। इस तरह पंजाब के साम्प्रदायिक सौहार्द को भंग करने और अमन-चैन को खराब करने की कोशिश की जा रही है। पंजाबियों को पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति बनाए रखनी है।” उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता को इन (कांग्रेस, कैप्टन, बादल, भाजपा) पार्टियों पर अब भरोसा नहीं रहा है, क्योंकि पंजाब को केवल आम लोग ही बचा सकते हैं।
इसलिए तीन करोड़ पंजाबियों को अब एक होना जरूरी है। केजरीवाल ने शांति मार्च में आए सैकड़ों लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां आए लोग तीन करोड़ पंजाबियों को अगुवाई करते हैं और पंजाब के दुश्मनों को जवाब दे रहे हैं कि पंजाब की शांति और खुशहाली किसी भी कीमत पर खराब नहीं होने देंगे। उन्होंने दावा किया कि कोई भी पंजाब की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को नहीं तोड़ सकता है और उन्हें (केजरीवाल) उम्मीद है कि पंजाब के लोग पंजाब की सत्ता आम आदमी को सौंपेंगे, क्योंकि पंजाबियों को अब सत्ता में रहे लोगों पर भरोसा नहीं रहा। आप सुप्रीमो ने कांग्रेस सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए हुए कहा कि, ”सत्ताधारी कांग्रेसियों को पंजाब से कोई सरोकार नहीं है, क्योंकि वे तो केवल मुख्यमंत्री पद के लिए आपस में लड़ रहे हैं। चन्नी सरकार पंजाब की सबसे कमजोर सरकार है और यह पंजाब में शांति बनाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।”
उन्होंने कहा कि दरबार साहिब में बेअदबी की घटना में शामिल आरोपी को बेशक मार दिया गया है,लेकिन कांग्रेस सरकार ने 48 घंटों में दोषी की पहचान करने और साजिशकर्ता को काबू करने का ऐलान किया था।
कांग्रेस सरकार का यह ऐलान अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पंजाब में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे की साजिश करने वाले पकड़े नहीं गए हैं। केजरीवाल ने सवाल किया कि चुनावों नजदीक आते ही गुरु ग्रंथ साहिब समेत अन्य धार्मिक ग्रंथों और स्थानों की बेअदबी, बम विस्फोट और आतंकवादी गतिविधियों क्यों शुरू जाती है? इसलिए पंजाबियों को सतर्क और एकजुट रहने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि पंजाब की जनता कांग्रेस, कैप्टन, बादलों और भाजपा जैसी स्वार्थी, मौकापरस्त और माफिया ताकतों को भली भांति समझ चुकी है। इसलिए पंजाब की जनता ने 2022 के चुनावों में इन सबका बोरिया बिस्तरा गोल करने का मन बना लिया है। दिल्ली के बाद चंडीगढ़ जिसका ताजा उदाहरण है।
केजरीवाल ने पंजाब के लोगों से भविष्य में पंजाब की सरकार बदलने की भी अपील की। हमें नई सरकार लेकर आनी है। नई सरकार में पंजाब की जनता फैसला करेगी और ‘आप’ की सरकार इस फैसले को लागू करेगी।
इस मौके पर संबोधन करते हुए भगवंत ने कहा कि, ”पंजाब पर बुरी नजर रखने वाली ताकतों को दूर करना है,क्योंकि जब भी चुनाव आते हैं, पंजाब की धरती पर साजिश के तहत बेअदबी, बम धमाके और अन्य आग लगाने वाली घटनाएं करवाई जाती है ताकि पंजाब में आपसी सौहार्द को खत्म किया जा सके।”
मान ने आरोप लगाया कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है, लेकिन चंडीगढ़ के लोगों ने बता दिया कि वे सांप्रदायिक सद्भाव और विकास की राजनीति चाहते हैं। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ तो झांकी, पंजाब अभी बाकी है।”