- देवेश मौदगिल, राजेश कालिया, हीरा नेगी, सौरभ जोशी दिल्ली भाजपा हाई कमान से मिले, बड़ी मशक्कत से करवाई टिकट जारी
चंडीगढ़
नगर निगम चंडीगढ़ के आगामी 24 दिसंबर को होने जा रहे चुनावों के मद्देनजर सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्ष में बैठी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में अपने-अपने चहेतों को टिकट देने को लेकर पहले से ही रस्साकशी चलती रही। किन्तु नामांकन के आखिरी दिन शनिवार तक भारतीय जनता पार्टी में टिकट को लेकर उठापटक जारी रही। बात करें भारतीय जनता पार्टी की तो जिन पांच प्रत्याशियों की सूची विगत शुक्रवार देर रात जारी की गयी है सूची में सबके सब ऐसे प्रत्याशी हैं, जो हर तरह से प्रत्याशी की योग्यता पूरी करते थे। किन्तु उन्हें अंत तक रोक कर रखा गया और इस दौरान यह सभी लोग बुरी तरह से हताश हो चुके थे।
फिर इन्होंने अपने-अपने स्तर पर दिल्ली जाकर पार्टी हाईकमान के समक्ष जबरदस्त विरोध किया। और टिकट के लिए गुहार लगायी। कई दिनों तक इन्हें नजरअंदाज किया जाता रहा। किन्तु इस मामले में पूर्व प्रधान संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने दिल्ली जाकर इन्हें पूरी तरह से सपोर्ट किया। तब जाकर राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी हाई कमान ने इन प्रत्याशियों को टिकट देने के लिए वर्तमान प्रधान अरुण सूद पर दबाव बनाया और इन्हें टिकट देने को कहा। तब जाकर शुक्रवार देररात इनके नामों की अंतिम सूची जारी कर मामले को रफादफा किया गया।
इनमें पूर्व मेयर देवेश मौदगिल, पूर्व मेयर राजेश कुमार कालिया, पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर एवं लगातार दो कार्यकाल तक निगम की पार्षद के रूप में सेवा कर चुकी श्रीमती हीरा नेगी, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे जय राम जोशी के पुत्र सौरभ जोशी के नाम शामिल हैं। बता दें कि निगम के मौजूदा कार्यकाल के पूर्व सौरभ जोशी नगर निगम के सर्वाधिक मतों से जीतकर आने वाले युवा पार्षद के रूप में चर्चित रहे। किन्तु दूसरी बार किस्मत ने साथ नहीं दिया और तत्कालीन भाजपा हाईकमान से दूरी के चलते चुनाव हार गए थे। किन्तु सामाजिक गतिविधियों में उनकी हाजिरी लगातार लगती रही। कई एनजीओ में इनके नाम शामिल है। सामाजिक कार्यों में इनका विशेष योगदान रहा है। इन बातों के मद्देनजर इन्हें पुन: प्रत्याशी बनाया गया।
Devesh modgil
पूर्व मेयर देवेश मौदगिल ने अपने मेयर कार्यकाल के दौरान संबंधित वार्डों के अलावा शहर के अन्य वार्डों में भी विशेष रूप से विकास कार्यों को अंजाम दिया। यहां तक कि कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में भी विकास कार्य कराने में इनका विशेष योगदान रहा। इसके अलावा कजौली से शहर के लिए अतिरिक्त पानी लाने का मुद्दा भी इन्हीं के नाम है। किन्तु कुछ कारणों से उसका ज्यादा श्रेय नहीं ले सके देवेश मौदगिल। फिर भी सेक्टर-३१ स्थित जैपनीज गार्डन शहर का सर्वाधिक पसंदीदा स्थल बना हुआ है। इसके अलावा सेक्टर-४८ की डिस्पेंसरी को अस्पताल का विशेष दर्जा दिलवाने का रिकार्ड भी इन्हीं के नाम है।
Rajesh kalia
पूर्व मेयर राजेश कालिया भी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अपनी संक्षिप्त एवं तीक्ष्ण वाणी से निगम सदन में संबंधित मुद्दों को उठाने और उस प्रस्ताव को पारित कराने का उनका विशेष अंदाज भला कौन भुला सकता है। वाल्मीकि समाज से संबंध रखने वाले राजेश कालिया ने अपने समाज के लिए भी विभिन्न प्रकार से मदद की है। हालांकि कुछ विवादास्पद मामलों में भी इनका नाम शामिल होता रहा है। किन्तु कजौली वाटर वक्र्स से शहर के लिए अतिरिक्त पानी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों में इनके नाम विशेष रूप से शुमार हो चुके हैं।
Hira Negi
ऐसे ही हीरा नेगी ने अपने विभिन्न सेक्टरों से संबंधित वार्डों में विकास के बहुतेरे काम कराए हैं। एक महिला होने के नाते महिला समाज और उत्तराखंड से ताल्लुक रखने के चलते वहां के समाज में भी इनका नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। ऐसे लोगों को नजर अंदाज करना शायद भाजपा हाई कमान के वश की बात नहीं थी। तभी तो इन सभी को अंतिम सूची में प्रत्याशी के बतौर स्थान दिया गया।
आगे इनकी अपनी-अपनी किस्मत है। क्योंकि शहर में महंगाई जैसे मुद्दों और पानी की बढ़ी दरों को लेकर भाजपा का जबरदस्त विरोध भी हो रहा है। चुनाव अभियान के आखिरी दिनों में शायद इसकी भरपायी हो सके, किन्तु यह सब अभी भविष्य के गर्भ में है। इसलिए कुछ कह पाना उचित नहीं होगा