- 100 दिनों में 100 फैसलों की “आप” ने खोली पोल
- झूठे फैसलों के प्रचार के लिए सरकारी खजाने से किए जा रहे करोड़ों रुपए का भी मांगा हिसाब
चंडीगढ़
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा अपने 100 दिनों के शासनकाल में 100 फैसलों को प्रदेश की जनता के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को धोखे पर धोखे का जवाब देने के लिए 2022 में पंजाब के लोग तैयार बैठे हैं। चन्नी सरकार को लोगों की अदालत में कांग्रेसी वादा खिलाफी और झूठे ऐलानों के साथ साथ इन दुष्प्रचार के विज्ञापनों और होर्डिंग्स-फ्लेक्सों पर सरकारी खजाने से फूके जा रहे करोड़ों-अरबों रुपए का हिसाब भी देना पड़ेगा। इसलिए चन्नी समेत सारे कांग्रेसी तैयारी के साथ ही लोगों के बीच जाएं।
रविवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने चन्नी सरकार के आज जारी किए 100 फैसलों वाले विज्ञापनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 100 में से केवल 25 फैसलों पर गजट नोटिफिकेशन का ब्योरा सरकारी विज्ञापनों में दर्ज है। इन 25 फीसदी फैसलों में जिन फैसलोंं का जनता के साथ सीधा संबंध है, उनकी जमीनी हकीकत सरकार के दावों की हवा निकालती है। उदाहरण के तौर पर 36 नंबर फैसले में कहा गया है कि रेत और बजरी का प्रिंट रेट 9 रुपए प्रति घन फीट से घटाकर 5.5 रुपए प्रति घन फीट कर दिया गया है। जिसको लेकर 10 नवंबर 2021 में नोटिफिकेशन जारी हुई थी।
चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी को घेरते हुए कहा कि रेत माफिया जस का तस जारी है। आम आदमी को इस खोखली बयानबाजी का कोई फायदा नहीं मिला। 10 नवंबर के बाद आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के अपने चमकौर साहिब हल्के में जारी रेत माफिया का पर्दाफाश किया गया था। इसके अलावा मीडिया ने रेत माफिया की तस्वीरें, दस्तावेजों सहित बड़ी बड़ी रिपोर्ट खबरों के माध्यम से उजागर की थी। यहां तक कि पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी चन्नी सरकार के इस दावे की ट्वीट के माध्यम से हर तीसरे दिन हवा निकाल देते हैं। उसी प्रकार 27 नवंबर के एक फैसले के तहत मेधावी छात्रों के लिए वजीफा योजना पर टिप्पणी करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि लाखों एससी छात्रों का भविष्य बर्बाद करके अरबों रुपए का स्कालरशिप घोटाला करने वाले तत्काल मंत्री साधु सिंह धर्मसोत व गैंग के बारे चन्नी और कांग्रेसी लोगों को क्या जवाब देंगे?
चीमा ने कहा कि इन 100 फैसलों में कई फैसलों को लेकर सरकार का खुद मानना है कि अभी कोई नीति तैयार नहीं की गई है। उदाहरण के तौर पर मलेरकोटला में हज हाउस की स्थापना की जाएगी (फैसला नंबर 64),राज्य के सभी कॉलेज छात्रों को मुफ्त बस पास प्रदान किए जाएंगे (फैसला नंबर 73), और तीन काले कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान शहीद होने वाले किसानों को समर्पित किसान स्मारक की स्थापना (फैसला नंबर 99) को लेकर भी दावा किया है, लेकिन लिखा गया है कि,” नीति (पॉलिसी) दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं” मतलब अभी तक कोई भी नीति तैयार नहीं की गई लेकिन फैसला प्रकाशित कर दिया।
चीमा ने चन्नी सरकार को बादल सरकार से भी झूठी और कैप्टन से कई गुना अधिक फरेबी सरकार बताते हुए पूछा कि चन्नी अपने 3 नवंबर के फैसले “बिजली समझौते रद्द करने ” के संबंध में पंजाब के लोगों से इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकते हैं? जबकि तलवंडी साबो, राजपुरा और गोविंदगढ़ के प्राइवेट थर्मल प्लांट आज भी उसी रेट पर पंजाब को बिजली सप्लाई दे रहे हैं। सरकारी स्कूलों के आठवीं तक के सभी छात्रों को वर्दी देने वाले 25 नंबर के फैसले पर टिप्पणी करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सर्दियां पड़नी शुरू हो गयी है लेकिन अभी तक वर्दी तो दूर सभी एससी छात्रों और अन्य छात्रों स्कूली वर्दी भी नसीब नहीं हुई है। चीमा ने मुख्यमंत्री चन्नी से अपील की कि वह गरीब छात्रों की गरीबी का मजाक न उड़ाएं।
पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ाई को अंतिम पड़ाव तक लाना और दोषियों के खिलाफ एफआईआर वाले 100 नंबर फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चीमा ने कहा कि 100 दिनों में बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मात्र एकलौती एफआईआर दर्ज की गई है,वह भी सियासी स्टंट साबित हुई है, क्योंकि आज तक मजीठिया को गिरफ्तार नहीं किया गया,क्योंकि यह फिक्स मैच है। नतीजन पंजाब में नशे का काला कारोबार आज भी पहले की तरह जारी है।
चीमा ने चन्नी सरकार से पूछा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के दोषियों को सजा और संगत को इंसाफ आज तक क्यों नहीं मिला? चीमा ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने समेत सारे सरकारी झूठे वादों के सरकारी पैसे से किए गए दुष्प्रचार का हिसाब भी मुख्यमंत्री चन्नी और जिम्मेदार अधिकारियों को देना पड़ेगा,क्योंकि पंजाब के लोग कांग्रेस के झूठ को अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते।