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प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग में कैरियर, आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2022

चंडीगढ़.
डा. देवराज त्यागी निदेशक गांधी स्मारक भवन ने बताया कि गांधी स्मारक निधि सैक्टर 16-ए,  चंडीगढ़ में प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का तीन साल का डिप्लोमा में प्रवेश के लिये अन्तिम तिथि 31-01-2022 है। फार्म व प्रोस्पेक्टस सैक्टर 16 ऐ चंडीगढ़ में स्थित गांधी स्मारक भवन से प्राप्त किये जा सकते हैं। काफी समय से चिकित्सा के क्षेत्र में ऐलोपैथी का प्रयोग हो रहा है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट और बढ़ती हुई कीमतों के कारण लोगों का रूझान अब आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा की ओर बढ़ रहा है। प्राकृतिक चिकित्सक बनने के इच्छुक युवाओं के लिए प्राकृतिक चिकित्सा में कैरियर की अच्छी संभावनाएं हैं।
डॉ. त्यागी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक उभरती हुई आदर्श  तथा निर्दोष  चिकित्सा पद्धति हैं जिससे नियमित जीवन शैली के साथ संतुलित आहार, योग, प्राणायाम और पंच महाभूतों का उपयोग करते हुए शरीर को रोग रहित बनाया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा में किसी दवाई का प्रयोग नहीं होता है। प्राकृतिक चिकित्सा सिखाती है कि निरोग कैसे रहा जाए? डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी एण्ड योग थैरेपी  पाठ्यक्रम तीन वर्ष का है जिसमें छह माह का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।
प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए मुख्य रूप से डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी एंड योग थैरेपी का कोर्स उपलब्ध है। गांधी नेशनल एकेडमी आफ नैचुरोपैथी, राजघाट नई दिल्ली से यह कोर्स संचालित किया जाता है। डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी एवं योग थैरेपी में प्रवेश के लिए बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। एमबीबीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस डिग्री कोर्स वाले व्यक्तियों को सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलता है। डिप्लोमा के शुल्क का साढ़े छः हजार रूपये वार्षिक खर्च है।

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