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सह शिक्षा के नाम पर स्कूलों पर लगाएंगे ताला : कुमारी सैलजा

  • – गठबंधन सरकार ने पिछले सत्र में 300 से अधिक सरकारी स्कूल किए बंद
  • – खाली पड़े पदों को भरने की बजाए स्कूलों को ही बंद करने की दिशा में चल रही सरकार
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार सह शिक्षा के नाम पर प्रदेश के सैंकड़ों सरकारी स्कूलों पर ताला लटकाने की तैयारी में है। सरकारी स्कूलों को लेकर राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं है, इसलिए ही स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने की बजाए स्कूलों को ही बंद करने साजिश रची जा रही है। पिछले शैक्षणिक सत्र में भी प्रदेश में 300 से अधिक सरकारी स्कूलों को एक ही झटके में मर्जर के नाम पर बंद कर दिया गया था।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उन सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को आपस में मर्ज करने की तैयारी कर ली है, जहां लड़कों व लड़कियों के प्राथमिक विद्यालय आसपास ही हैं। इनमें से एक स्कूल को सदा-सदा के लिए बंद कर दिया जाएगा और जिस स्कूल में छात्रों या छात्राओं को शिफ्ट किया जाएगा, उसे सह विद्यालय नाम दिया जाएगा। ऐसा करने से एक ही झटके में सैकड़ों सरकारी प्राथमिक स्कूल सदा सदा के लिए बंद कर दिए जाएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले पिछले साल भी इसी तरह का अभियान शिक्षा विभाग के मार्फत चलाया गया था, जिसमें 300 से अधिक स्कूलों पर सरकारी ताले टांग दिए गए। जब लोगों ने विरोध किया तो गठबंधन सरकार ने इसे मर्जर नाम दे दिया। लेकिन, हकीकत में इन स्कूलों को बंद कर दिया गया और इनमें मौजूद पदों को खत्म कर दिया गया। पिछले साल हुए प्रयोग के बाद इस शैक्षणिक सत्र में अब फिर से सरकारी स्कूलों को बंद करने का षड्यंत्र शुरू हो चुका है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि इस समय प्रदेश के लगभग 2200 स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने से साफ है कि गठबंधन सरकार की मंशा ठीक नहीं है। ये स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें से शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया और उनकी जगह पर कोई भी भेजा नहीं गया। स्कूलों में अध्यापकों की मौजूदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मॉडल संस्कृति स्कूलों में भी पूरा स्टाफ नहीं बचा है, इनमें से अधिकतर में 50 प्रतिशत भी शिक्षक नहीं हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि झज्जर जिले का तो गठबंधन सरकार ने अजीब ही रिकॉर्ड बना दिया है। इस जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जिसमें स्टाफ की कमी न हो। प्रदेश सरकार ने नई भर्ती करने की बजाए उन स्कूलों से भी स्टाफ का तबादला कर दिया, जिनमें छात्रों की संख्या काफी अधिक है। इसका मकसद सिर्फ यही है कि इन्हें गठबंधन सरकार स्थाई तौर पर बंद करना चाहती है।

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