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हरियाणा में बंद हो सकते है ईंटों के भट्टे, उद्योग एसोसिएशन ने दिए संकेत

अम्बाला

ईटों पर जीएसटी की दरों में बेतहाशा बढ़ोतरी, सरकार की गलत नीतियों के कारण कोयले की कीमतों में 250 से 300% का इजाफा, सरकारी निर्माण कार्यों में लाल ईंटों के उपयोग पर नित नए प्रतिबंध एवं श्रम दरों में अस्पष्टता आदि समस्याओं को लेकर हरियाणा प्रदेश ईंट भट्टा स्वामी एसोसिएशन ने बुधवार को जिला अंबाला में अपनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह यादव की अध्यक्षता में किया। इस बैठक में समिति के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता के साथ प्रदेश कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी एवं सभी जिला समितियों के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। प्रदेश समिति के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने सभा को संबोधित किया और सरकार के इस ढुलमुल रवैए पर रोष जताते हुए कहा कि अभी हाल ही में 08 मार्च 2022 को मातृ संस्था ऑल इंडिया ईंट म निर्माता संघ के नेतृत्व में दिल्ली जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बावजूद भी सरकारें भट्टा उद्योग की इन जटिलताओं को अनदेखा कर रही हैं, इसलिए ऑल इंडिया संघ ने संपूर्ण भारतवर्ष के भट्टा उद्योग के भविष्य पर चिंता जताते हुए आगामी सीजन के लिए देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है,

वर्तमान में हरियाणा में 6000 ईंट भट्ठे संचालित हो रहे

हरियाणा प्रदेश को भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ताकि सरकारें इस लघु एवं कुटीर उद्योग की परेशानियों पर ध्यान देते हुए इनका निवारण करे, उन्होंने यह भी बताया की हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र के भट्टा उद्योग का भविष्य पहले ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन मामले में तय होना है और हरियाणा नॉन एनसीआर क्षेत्र के भट्टा उद्योग का भविष्य माननीय एनजीटी के फैसले से अंधकार में है। प्रदेश महासचिव रजनीश जैन ने जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में ईंटों पर कर दरों में की गई मनमानी वृद्धि के बारे में बताते हुए कहा की जीएसटी काउंसिल ने ईंटों की कंपोजिशन स्कीम को समाप्त कर दिया है एवं कर दरों में अप्रत्याशित वृद्धि की है।

कीमत विगत एक वर्ष के दौरान लगभग 200% से 250% बढ़ गई

रजनीश जैन द्वारा यह भी बताया गया की भारत में थर्मल पावर प्लांट्स के बाद ईट भट्टा उद्योग दूसरा सबसे बड़ा कोयला उपभोक्ता है। ईंटों को पकाने का प्रमुख ईंधन भी कोयला है। जिसकी कीमत विगत एक वर्ष के दौरान लगभग 200% से 250% बढ़ गई है। सरकार जैसे थर्मल पावर प्लांट्स को आधार मूल्य पर कोयला उपलब्ध करवाती है उसी तरह भट्टा उद्योग को भी आधार मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का कोयला उपलब्ध करवाने के लिए अलग कोयला नीति बनाए और इस नीति को सही ढंग से कार्यान्वित करने के लिए एक अलग नोडल एजेंसी निर्धारित की जाए एवं कोयले की ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से जो कालाबाजारी होती है उस पर रोक लगे।

लाल ईंट उद्योग का बहुत नुकसान हो रहा

उन्होंने आगे कहा की सरकारें समय समय पर सरकारी कार्यों में लाल ईंटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाती रहती हैं एवम थर्मल पावर प्लांट्स की राख द्वारा निर्मित ईंटों को सरकारी कार्यों में प्रोत्साहन दिया जाता है जिससे लाल ईंट उद्योग का बहुत नुकसान हो रहा है। गौरतलब है की भारत सरकार का भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र इस बात की पुष्टि करता है की थर्मल पावर प्लांट की राख से निर्मित इन ईंटों में परमाणु विकिरण पदार्थ पाए जाते हैं जो की मनुष्य की सेहत के लिए बहुत हानिकारक होते हैं।

प्रदेश के सभी भट्टों पर हड़ताल रखने की हुंकार भरी

प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह यादव ने सभा में इन सभी परेशानियों एवं जटिलताओं के कारण पूरे प्रदेश के भट्ठा उद्योग के अंधकारमयी भविष्य पर और सरकारों के नकारात्मक रवैए पर चिंता जताते हुए आगामी सीजन के दौरान प्रदेश के सभी भट्टों पर हड़ताल रखने की हुंकार भरी, प्रदेश की सभी जिला समितियों ने इस पर एक सुर में सहमति जताई और सरकारों के प्रति रोष जाहिर करते ‘आगामी सीजन में ईंट भट्ठे बंद रखने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया। इस मौके पर एचएल बिंद्रा चेयरमैन अंबाला, प्रधान सुमित बुद्धिराजा, रमिंदर डांग, धर्मपाल, अमरदीप सिंगला, सनी लूथरा, गिरधारी लाल समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.

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