Breaking News

सी जी सी झंजेड़ी कैंपस में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं को किया सम्मानित

  • शिक्षा हर बच्चे के लिए बेहद जरूरी -कोमल मित्तल ए डी सी एसएएस नागर
  • स्त्री शब्द निस्वार्थ प्रेम, देखभाल और स्नेह को जोड़ता है- अंजुम मौदगिल

मोहाली 

चण्डीगढ़ ग्रुप आफ कालज़िज के झंजेड़ी कैंपस में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का नाम सदी की महान गायिका लता मंगेशकर और महिला अधिकारिता के नाम रहा । कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण की उदाहरण सम्मानित और प्रतिष्ठित महिलाओं को सम्मानित किया गया। ये महान हस्तियां डॉ. कोमल मित्तल, आई ए एस, ए डी सी एस ए एस नागर, आकांक्षा सरीन अभिनेत्री और मॉडल, अंजुम मोदगिल ओलंपियन और अर्जुन अवार्डी, राम प्रीत कौर अंतर्राष्ट्रीय एंकर पीटीसी न्यूज, आर जे कशिश थी ।इस कार्यक्रम में कॉलेज के सदस्यों के साथ साथ छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत महिला दिवस के महत्व पर स्वागत भाषण के साथ हुई । जिसमे महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने और अधिक न्यायसंगत समाज बनाने के लिए दुनिया भर में महिलाओं की भूमिका पर बात की गयी।

ए.डी.सी. कोमल मित्तल आई ए एस ने अपने भाषण की शुरुआत एक अफ्रीकी कहावत का हवाला देते हुए कहा कि अगर हम एक लड़के को पढ़ाते हैं, तो हम एक व्यक्ति को शिक्षित कर रहे हैं। अगर हम एक लड़की को शिक्षित करते हैं, तो हम एक परिवार और पूरे देश को शिक्षित कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि एक लड़की को स्कूल भेजने से अगली पीढ़ी को भी शिक्षित होने की पूरी संभवाना बन जाती है। इस प्रकार लड़कियों की शिक्षा में निवेश करना देश में निवेश करने जैसा है। कोमल मिलत ने कहा कि एक लड़की की शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी कि एक लड़के की। आज भी, हर तीन में से एक महिला अपने जीवन में घरेलू हिंसा का सामना करती है। जबकि हर सदी में महिला ने साबित किया है कि वह किसी भी तरह से पुरुष से कम नहीं है। इसके लिए उन्हें सिर्फ मौके दिए जाने चाहिए।

सभा को संबोधित करते हुए, ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता अंजुम मोदगिल ने कहा कि एक महिला होने का मतलब रचनात्मकता, पोषण और बदलने की शक्ति का प्रतीक होना है। उन्होंने कहा कि नारी शब्द निःस्वार्थ प्रेम, देखभाल और स्नेह की छवि को व्यक्त करता है। इसलिए हर समाज में नारी शक्ति और आशा की भावना जगाती है। लेकिन यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया भर में महिलाओं को अपनी आजादी और अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ा है। दशकों से, महिलाएं बोलने की स्वतंत्रता, वोट के अधिकार, समानता, शिक्षा, आय और सबसे महत्वपूर्ण स्वतंत्रता के अधिकार के लिए लड़ रही हैं, और दुर्भाग्य से यह संघर्ष आज भी जारी है। पुरुषों और महिलाओं के बीच की खाई को पाटना बहुत जरूरी है।

अपने संबोधन में आकांक्षा सरीन ने कहा कि एक मजबूत महिला होने का मतलब है कि वह वह बन गई है जिसकी वह हकदार है। इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए उसे मनुष्य के समान अवसर मिलने चाहिए। लेकिन एक कामकाजी महिला एक मां, एक बेटी, एक बहू होने के कारण बाहर से पुरुष के रूप में काम करने के लिए आने के बाद भी घर आने और घर का काम करने के लिए मजबूर है। घर का काम करते-करते थक जाने के लिए कहने पर भी वह स्वार्थी और अधीर कहलाएगा। एक मजबूत महिला होने का मतलब है खुद से प्यार करना। जबकि बाकी समाज एक महिला की पहचान को उसके लंबे, छोटे, गोरे, काले, पतले और मोटे शारीरिक गठन तक सीमित रखना चाहता है।
राम प्रीत कौर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह वह दिन है जब हम महिलाओं की महान सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। लेकिन यह दिन माँ, बहन, पत्नी, बेटी सहित हर उस महिला को समर्पित है जो बिना किसी वेतन के साल भर हमारा पालन-पोषण करती है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन रिश्तों को प्यार, सम्मान और प्रशंसा में वापस करने का एक अवसर है। इस अवसर पर सभी हस्तियों ने छात्रों के साथ अपनी जिंदगी के तजुर्बे और विचारों को साझा करते हुए हर लड़की को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का संदेश दिया। इस दौरान कैंपस के छात्रों द्वारा शख्सियतों से कई सवाल भी पूछे गए । अंत में मैनेजमेंट द्वारा सभी हस्तियों को यादगारी भेंट किये गए ।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *