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आईवी अस्पताल में हुआ की-होल सर्जरी से 70 वर्षीय महिला के वल्वा कैंसर का सफल इलाज

मोहाली

वल्वा कैंसर से पीडि़त 70 वर्षीय महिला का हाल ही में आईवी अस्पताल, मोहाली में की-होल कैंसर सर्जरी से सफलतापूर्वक इलाज किया गया। अस्पताल में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान जानकारी देते हुए आईवी अस्पताल, मोहाली में ओन्को सर्जरी के प्रमुख डॉ विजय बंसल ने कहा कि मरीज पिछले तीन महीने से वल्वा कैंसर से पीडि़त थी और उसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप की भी समस्या थी।
डॉ विजय बंसल ने बताया  कि वल्वा कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो महिला जननांग की बाहरी सतह, जो मूत्रमार्ग और योनि को घेरता है, पर होता है। वल्वा कैंसर आमतौर पर योनी पर एक गांठ या घाव के रूप में बनता है जो अक्सर खुजली का कारण बनता है।
की-होल सर्जरी के बारे में बात करते हुए डॉ विजय ने कहा कि मरीज का इलाज की-होल कैंसर सर्जरी से किया गया। सामान्य सर्जरी में उपयोग किए जाने वाले चीरों की तुलना में की-होल सर्जरी में हम उस क्षेत्र के आसपास छोटे चीरे लगाते हैं जहां ऑपरेशन होने वाला है। ट्यूबों को छिद्रों में धकेल दिया जाता है, और अंत में रोशनी वाले छोटे कैमरों को ट्यूबों के माध्यम से धकेल दिया जाता है। कैमरों को स्क्रीन पर नजर रखने के लिए लगाया जाता है ताकि डॉक्टर ऑपरेशन करते समय उन्हें देख सकें। एक ऑपरेशन में अलग-अलग समय पर, कभी-कभी कैमरों और सर्जिकल उपकरणों की स्थिति बदली भी जा सकती है। डॉ जतिन सरीन, डाइरेक्टर -ऑन्कोलॉजी ने कहा कि छोटे कैमरे सर्जन को शरीर के अंदर देखने और उसके काम की निगरानी करने की अनुमति देते हैं। की-होल सर्जिकल प्रक्रियाओं में नियमित सर्जरी पर कई फायदे होते हैं, जिसमें रोगी को कम जोखिम और तेजी से ठीक होने के समय शामिल हैं।

सीनियर रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ मीनाक्षी मित्तल ने कहा कि ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाने वाले परिणामों के साथ उन्नत लेप्रोस्कोपिक या की-होल सर्जरी कर रहे हैं। हमने अच्छे परिणामों के साथ और बिना किसी जटिलता के कीहोल एप्रोच द्वारा ग्रोइन लिम्फ नोड को हटाना शुरू कर दिया है।
डॉ बंसल जिन्होंने टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई में भी काम किया है ने बताया कि वास्तव में हम इस क्षेत्र में पहले हैं जो कैंसर के इन जटिल मामलों को लेप्रोस्कोपिक एप्रोच से सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं। यह सर्जरी रोगी को शरीर पर कम से कम निशान के साथ तेजी से ठीक होने में मदद करती है। डॉ हेमकांत वर्मा, सीनियर कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजी ने कहा कि भारत और दुनिया भर में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। जननांग में कैंसर अपेक्षाकृत असामान्य है। इन कैंसरों को प्रबंधन में विशेषज्ञ दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सर्जरी में आमतौर पर ओपन सर्जरी और की-होल सर्जरी/ लैप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसे दो दृष्टिकोण हो सकते हैं। पुरुष/महिलाओं के जननांग अंगों के कैंसर में ग्रोइन लिम्फ नोड्स को हटाने की आवश्यकता होती है। यह आम तौर पर ग्रोइन फोल्ड में चीरा लगा के किया जाता है जिसमें उच्च जटिलता दर होती है। 40-50 प्रतिशत मामलों में घाव से संबंधित जटिलताएं देखी जाती हैं। आईवी अस्पताल में ऑन्कोलॉजी के हर डिवीजन में टीमें हैं जिनमें मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी शामिल हैं।

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