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कालका विधानसभा क्षेत्र को पिछड़ा क्षेत्र घोषित किया जाए : रंजीत उप्पल

 

कालका विधानसभा क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से बेहद पिछड़ा हुआ इलाका है। यहां संसाधनों का अभाव है। रोजगार कि यदि बात करें तो यहां ना तो कोई इंडस्ट्री है और ना ही कोई ऐसा संस्थान है जिसमें युवाओं को रोजगार मिल सके। क्योंकि यहां पर रोजगार देने वाले उद्योग एचएमटी ,एसीसी बंद हो चुके हैं, और रेलवे वर्कशॉप भी बंद होने की कगार पर है।

यह कहना आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष रंजीत उप्पल का है। रंजीत उप्पल ने चर्चा के दौरान बताया कि कृषि के क्षेत्र की बात करें तो यहां के कृषक (किसान) ज्यादा जमीनों के स्वामी नहीं है छोटे-छोटे जमीन के टुकड़ों के मालिक हैं। ऐसे में सिंचाई की भी बहुत भारी समस्या है। क्योंकि छोटे जमीदारों को ट्यूबवेल लगाना बेहद मुश्किल काम है। यहां के किसान पूर्ण रूप से प्रकृति के ऊपर निर्भर हैं। किसानों की जमीन के आसपास वन्य क्षेत्र होने के कारण किसानों की फसल को जंगली जानवरों से भी खतरा रहता है। यही कारण है यहां के किसान बेहद तंगहाली का जीवन यापन कर रहे हैं।यह क्षेत्र बिजली की समस्या से भी जूझ रहा है। भारी भरकम बिजली के अघोषित कटों से लोग परेशान हैं।।यहां पर कृषि की उन्नति के लिए कोई एग्रो इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं नहीं है, किसान को अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में पेयजल भी जरूरत के हिसाब से उपलब्ध नहीं है।यदि चिकित्सा क्षेत्र की बात करें तो यहां ना तो कोई मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल और ना ही सरकारी अच्छी चिकित्सा सुविधाएं। लगभग 100 किलोमीटर के वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए इस विधानसभा कालका के लोगों के इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है या तो पंचकूला या फिर चंडीगढ़ के पीजीआई में इलाज के लिए जाना पड़ता है। व्यापारी और दुकानदारों की बात करें तो उनके भी हालात यहां ज्यादा अच्छी नहीं है।

कालका विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मोरनी क्षेत्र की हालात बरसात में बेहद खराब हो जाते हैं संसाधनों के अभाव में लोग वहां बेहद परेशान हैं। बारिश के मौसम में तो मोरनी क्षेत्र का संपर्क अन्य क्षेत्रों से एवं मुख्यालय से तो बिल्कुल टूट जाता है। रंजीत उप्पल ने कहा यहां पर लोगों को जीवन बेहद दुश्वार एवं कठिन है। आय के स्तोत्र भी सीमित है। इसीलिए सरकार से गुजारिश है कि इस क्षेत्र को विशेष रूप से पिछड़ा क्षेत्र घोषित किया जाए। उनके इस वक्तव्य के दौरान ओबीसी विंग के जिला अध्यक्ष, गुरचरण सिंह करणपुर एवं पूर्व सैनिक विंग के जिलाध्यक्ष कैप्टन अमरजीत सिंह मौजूद रहे।

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