चण्डीगढ
विश्व पर्यावरण दिवस में भागीदारी लेने हेतु, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन (एसएनसीएफ), संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा द्वारा 10,000 स्वयंसेवकों के साथ मिलकर देश के 7 राज्यों के 14 पर्वतीय स्थलोें पर व्यापक स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य सभी को पर्यावरण संकट के प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित करना है।जिन स्थानों परगर्मियों के मध्य पर्यटकों की भारी भीड़ होती है, उन्हीं स्थानों पर इस अभियान का आयोजन किया गया।वर्तमान समय में हमारी पृथ्वी ग्लोबल वार्मिंग के संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में हमें वृक्षारोपण जैसे अभियानांे की नितांत आवश्यकता है ताकि पर्यावरण का संतुलन बनाया जा सके।
इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीडन शहर को ÞOnly One Earthß शीर्षक, 2022 की वैश्विक मेज़बानी के रूप में घोषित किया गया है। पर्यावरण संकट के मध्य जहां प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी दुनिया एक साथ आ रही है वहां ऐसे समय में संत निरंकारी मिशन के हजारों स्वयंसेवक अपनी खाकी वर्दी और संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन की नीली टी-शर्ट व टोपी में भक्तों एवं संबंधित शहरों के निवासियों संग मिलकर वृक्षारोपण और स्वच्छता का अभियान चलाया गया। इसके साथ ही जागरूकता हेतु मानव श्रृंखला का भी निर्माण किया गया। इन सभी 14 स्थलों उत्तराखंड के मसूरी, ऋषिकेश, लैंसडाउन और नैनीताल में; शिमला, हिमाचल प्रदेश में; महाराष्ट्र में महाबलेश्वर, पंचगनी, खंडाला, लोनावाला और पन्हाला; राजस्थान में माउंट आबू और सिक्किम में गंगटोक जैसे स्थानों पर प्रातः 8 बजे से अभियान का आरम्भ हुआ जिसमें सभी स्वयंसेवक ने एकत्रित होकर दोपहर 12.30 बजे तक अभियान चलाया। अभियान से पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत प्रार्थना से हुई । मिशन के युवा स्वयंसेवक प्लास्टिक प्रदूषण की थीम पर नुक्कड़ नाटिकाओं (नुक्कड़-नाटक) का आयोजन किया और लोगों को पर्यावरण संकट के प्रति जागरूक किया। नो प्लास्टिक यूज/बीट एयर पॅाल्यूशन/स्वच्छता और वृक्षारोपण के इस संदेश पर जोर देने के लिए सभी स्वयंसेवक तख्तियां एवं बैनर का उपयोग मानव श्रृंखला बनाने में किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागी पर्यावरण संरक्षण हेतु शपथ भी ली। संत निरंकारी मिशन 2014 से ही संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम की थीम पर ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मना रहा है।