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सत्संग में बच्चों को जोड़ने से आती है घर में सुख शान्ति‘‘ : ओपी निरंकारी जी

चण्डीगढ

सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आर्शिवाद से स्थानीय सैक्टर 15 स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन चण्डीगढ में एरिया 40 का बाल समागम आयोजन किया गया। जिसमें सैक्ड़ों बच्चों ने भाग लिया । जिसकी अध्यक्षता चण्डीगढ जोन के जोनल इंचार्ज श्री ओ0 पी0 निरंकारी जी ने की।

उन्होंने बच्चों को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का आर्शिवाद देते हुए कहा कि जो बच्चे बचपन से ही आध्यामिकता के साथ जुड़ जाते हैं वो देश के अच्छे नागरिक बनते हैं, जो बच्चों को सत्संग सेवा सुमिरण के साथ जोड़ते है वो माता-पिता भी खुद भी सुख पाते हैं और संसार को भी सुख प्रदान करते हैं।
निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं का जिक्र करते हुए और बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के जीवन के बचपन के उदाहरण देते हुए आगे कहा कि गुरूमत के रास्ते पर चलना गुरूसिख का कर्तव्य है। इससे गुरूसिख के मन में विशालता आती है जिससे उसके लिए सभी एक समान हो जाते हैं आज के बच्चे ही कल डाॅक्टर, वकील, कवि के साथ-साथ मिशन के रोशन मीनार कहलायेंगे। यह समागम हर साल की तरह गर्मीयों की जब छूटिटयां होती है तो बच्चे इधर उधर मस्ती करके अपना समय व्यतीत करते हैं जबकि निरंकारी साध संगत के बच्चे सालों साल से इस तरह के रूहानियत भरे माहौल में बाल समागम की तैयारी करते हैं।
इस समागम में बच्चों द्वारा तैयार की गई मर्यादा व अनुशासन पर आधारित संदेश, सम्पूर्ण हरदेव बाणी, मर्यादित होगा अगर बालपन, सहज सुखी होगा फिर जीवन, बाल जीवन मेें सीेखें मर्यादा के गुण आदि विषयों पर स्किट, कवि दरबार, समुह गान के साथ-साथ हरदेव वाणी की गायन प्रतियोगिता की गई। जिसमें चंडीगढ़ के सभी बच्चों ने बहुत उत्साह पूर्वक भाग लिया।
अन्त में चंडीगढ़ एरियाा 40 के मुखी श्री पवन कुमार जी ने जोनल इंचार्ज ओर संयोजक व आई हुई सभी े बच्चों के साथ आई हुई संगतों का धन्यवाद व स्वागत किया और कहा कि बच्चे देश, समाज व मिशन के कर्मधार हैं और जो बच्चे सत्गुरू और निरंकार के साथ जुड़ जाते हैं उनको जीवन में कभी भी कोई कठिनाई नहीं आती यदि आ भी जाए तो वह उसको निरंकार की रजा मानते हैैं।

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