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‘आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम’ के निर्माण की शुभ शुरुआत के मौके पर सत्संग आयोजित

चंडीगढ़

आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) ने उत्तर भारत के सबसे बड़े आर्ट ऑफ लिविंग आश्रम के निर्माण की शुभ शुरुआत के मौके पर सत्संग का आयोजन किया। सत्संग समारोह चंडीगढ़-पटियाला रोड पर आयोजित किया गया जहां आश्रम का निर्माण होगा।

आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के प्रसन्ना प्रभु जी और श्रीमती तृप्ता की भव्य उपस्थिति में शुभ समारोह गुरु पूजा और सत्संग के साथ काफी लोगों की मौजूदगी में आयोजित किया गया।

इस अवसर पर श्रीमती तृप्ता, ट्रस्टी, आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि ‘‘मुझे खुशी है कि सत्संग और गुरु पूजा सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। यह आश्रम 20 एकड़ में हरे-भरे इलाके में फैला होगा। मुझे विश्वास है कि आश्रम के आस-पास रहने वाले लोग आश्रम के तैयार होने पर ध्यान लगाकर कभी भी अपना तनाव दूर कर सकते हैं।’’

श्री सुरेश गोयल, जो आर्ट ऑफ लिविंग (एओएल) में एक प्रमुख सदस्य भी हैं और जो इस अवसर पर विशेष तौर पर उपस्थित थे, ने कहा कि ‘‘ आने वाले समय में जब आश्रम पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तो ये पूरे उत्तरी भारत के लिए एओएल की विभिन्न परियोजनाओं और ध्यान कार्यक्रमों के लिए एक केन्द्रीय स्थान होगा।’’

लोहित बंसल, एक एओएल शिक्षक हैं और प्राइम लैंड प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स (पीएलपीबी) के प्रबंध निदेशक हैं, पीएलपीबी ‘द वेलनेस सिटी’ का निर्माण कर रहा है ।‘द वेलनेस सिटी’ परिसर में ही आश्रम का निर्माण भी होगा। उनका कहना है कि ‘‘यह हमारे लिए एक शुभ अवसर है। हमें बेहद खुशी है कि हमारे प्रोजेक्ट- ‘द वेलनेस सिटी’ में एओएल आश्रम होगा।’’

पीएलपीबी के सीईओ सुमित सिंगला ने कहा कि ‘‘एओएल आश्रम आर्ट ऑफ लिविंग के मूल्यों और संस्कृति का प्रतीक होगा,आर्ट ऑफ लिविंग एक सिद्धांत से अधिक है और जीवन को पूरी तरह से जीने का तरीका सिखाता है।’’

उल्लेखनीय है कि पीएलपीबी द्वारा ‘द वेलनेस सिटी’ का निर्माण जीवन के 5 तत्वों -जल, पृथ्वी, अग्नि, वायु और आत्मा से प्रेरणा लेकर किया जा रहा है। इस टाउनशिप को पर्यावरण के अनुकूल वास्तुकला पर ध्यान देने के साथ मिस्र के उमर रबी जैसे प्रमुख इंटरनेशनल आर्किटेक्ट्स द्वारा डिजाइन किया जा रहा है।

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