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पूर्णाहूति के साथ 108 घंटे के महामृत्युंजय यज्ञ का समापन, 108 की महत्ता को यज्ञ से दर्शाया गया

  • बेरी वाले बाबा आश्रम में पंचमुखी महादेव का महारुद्राभिषेक अखंड दुग्ध धारा से किया गया
  • संतों, ब्राह्मणों को भोजन कराकर भंडारे का आयोजन हुआ
चण्डीगढ़ : गुजरात से जूना अखाडा के प्रमुख वासुदेव नंद गिरि जी महाराज के सनिध्य में हो रहे सेक्टर-35 बेरी वाले बाबा आश्रम में 66वें महामृत्युंजय ज्ञान महायज्ञ का आयोजन हुआ। वैदिक मंत्रों द्वारा शिव महापुरुाण का 108 घंटे का लगातार पाठ किया गया। पंचमुखी महादेव का महारुद्राभिषेक अखंड दुग्ध धारा से किया गया, जो 108 घंटे तक चला। सोमवार दोपहर को इस महायज्ञ का समापन पूर्णाहूति के साथ हुआ। यह यज्ञ को इक्कीस ब्राहम्णों और यज्ञाचार्य-पंडित ऋषिकेश पाठक द्वारा सम्पन्न कराया गया।
इसमें विभिन्न शहरों से सद्गुरू सेवा आश्रम, वैडाल धाम, तालुका पालीतान – जिला भावनगर से संत-महात्मा और यजमान शामिल हुए। 108 घंटे तक चले इस यज्ञ से पुराणों में वर्णित 108 की संख्या के महत्व को दर्शाया गया। इस यज्ञ समापन जूना अखाडा गुजरात के प्रमुख वासुदेव नंद गिरि जी महाराज और जूना अखाडा के चंडीगढ़ प्रमुख महंत रघुबीर गिरी की आरती के साथ हुई। उसके बाद साधु महात्माओं और ब्राह्मणों ने आरती कर यज्ञशाला में हवन कुंड को प्रणाम कर आर्शीवाद लिया। यज्ञ समाप्ति के मौके पर भंडारे का आयोजन किया। इसके बाद संत-महात्माओं सहित संगत में पांच दिन तक हिस्सा बने सभी लोगों ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया।

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