चंडीगढ़
शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव के 91वीं शहीदी दिवस के अवसर पर सैक्टर 16 स्थित गांधी स्मारक भवन में शहीदों की याद में एक स्मृति सभा का आयोजन किया गया जिसमें हरियाणा के पूर्व एडिशनल डी.जी.पी. वी.के.कपूर मुख्य अतिथि रहे।
कपूर ने कहा कि शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथी भारत माता के सच्चे सपूत तो थे ही एवं उन्होंने अपने जीवन को भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए संकल्प लिया था। भगत सिंह और उनके साथी आज कोई शख्सियत नहीं रहे बल्कि दुनिया के प्रत्येक युवा के लिए एक विचारधारा बनकर उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। कपूर ने कहा कि आज भारत की कुल आबादी का लगभग 65% युवा वर्ग हैं और उनकी संख्या 85 करोड़ बनती है जो देश के नवनिर्माण में अपनी रचनात्मक भूमिका निभा सकती है।
सभा के मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए जिला हिसार के गांव खैरमपुर के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्य एडवोकेट अरुण जौहर ने भगत सिंह के जीवन पर अपने विस्तृत विचार प्रकट करते हुए कहा कि शहीद-ए-आज़म भगत सिंह आज पूरी दुनिया में इंटरनेशनल युवाओं के ज्योतिपुंज के रूप में उनके दिलों में बस गए हैं। अपने अभिभाषण का समापन करते हुए अरुण जौहर ने 1975 में लिखी अपने कविता “आज उठो ऐ नौजवानों फिर से नई दिशा दिखलाओ” से किया।
अशोक नादिर भंडारी शायर एवं साहित्यकार ने अपनी कुछ ग़ज़लें एवं नगमे सुनाते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी को जब तक हमें क्रांतिकारी देशभक्तों के जीवन से परिचित नहीं कराएंगे तब तक आप उनमें राष्ट्र भावना कैसे जागृत करेंगे।
इस अवसर पर देवराज त्यागी ने सभा का संचालन करते हुए भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव और देश के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि एक तरफ देशवासी वह सरकारें आजादी के 75वें वर्ष के अमृत महोत्सव को मनाने में जुटी है और दूसरी तरफ करोड़ों युवा बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके हाथ में कोई काम नहीं है और वह भटकाव में हैं। आज के युवाओं को चाहिए कि वह भगत सिंह की तरह सोचे और अपने जीवन के उद्देश्य के लिए निरंतर जी जान से जुट जाएं।
इस अवसर पर प्रभारी धर्मपाल ने सभा में उपस्थित सभी महानुभाव का हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद किया।
शहीदी दिवस के अवसर पर ट्राइसिटी के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं कवि हरेन्दर सिन्हा , आर.डी. कैले, संगीता शर्मा कुंद्रा, संतोष गर्ग एवं पापिया चक्रवर्ती ने अपनी देश भक्ति से ओतप्रोत क्रांतिकारी कविताओं के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सभा में डॉ. एम.पी.डोगरा, डॉ. रमेश शर्मा, डॉ. अशोक मायर, डॉ. मुकेश अग्रवाल, बी.डी.शर्मा, गुरप्रीत,आनन्द राव, रमा देवी, नीरजा राव, कंचन त्यागी, नवीन ट्रेड्स, पूनम शर्मा, अमित, विक्की, महेन्दर सिंह, गोविन्द शर्मा, जसपाल सिंह, अर्जुन, ज्योतिका, मनदीप, प्रियंका, प्रदीप, सुनीता, दीक्षांत इत्यादि लोगों की उपस्थिति सरहनीय थी।