- कॉन्क्लेव में हरियाणा और अफ्रीका के मध्य द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के संबंध में हुई चर्चा
- हरियाणा में निवेश की अपार संभावनाएं- मुख्यमंत्री मनोहर लाल
- अफ्रीकी देशों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पारस्परिक सम्बन्ध बढ़ाने की दिशा में हो सकता है सहयोग- मुख्यमंत्री
- अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रहेगा- मुख्यमंत्री
- निवेशकों के लिए हरियाणा के साथ व्यापार करना आसान और अधिक आकर्षक बनाएंगे- मुख्यमंत्री
चंडीगढ़,
हरियाणा और अफ्रीका के बीच राजनयिक तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए शुरू हुए दो दिवसीय ‘हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव, सीरीज-1’ में अफ्रीका और हरियाणा के बीच द्विपक्षीय व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर बल दिया गया।
हरियाणा-अफ्रीका कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के सुबह के सत्र की शुरुआत हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, विदेश राज्य मंत्री श्री वी. मुरलीधरण और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेंद्र चौधरी ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक डॉ. अनंत प्रकाश पांडेय, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग की रूपरेखा विकसित करने, भाईचारा बनाए रखने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और लोगों से लोगों के मध्य पारस्परिक सम्बन्ध बढ़ाने की दिशा में सहयोग करने की इच्छा रखती है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा राज्य में बहुत संभावनाएं हैं, जो आप सभी को हरियाणा की विकास गाथा का हिस्सा बनने के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है। मुझे विश्वास है कि हरियाणा अफ्रीका सम्मेलन श्रृंखला-1 में आज की चर्चा सामाजिक आर्थिक विकास के लिए हरियाणा अफ्रीका संबंध मजबूत बनाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अफ्रीका अलग नहीं है। हमारा संघर्ष का इतिहास, हमारी संस्कृति का आधार, हमारी जीवन शैली, हमारी पारिवारिक व्यवस्था, हमारी जरूरतें, हमारी क्षमता, विश्व को देखने की हमारी दृष्टि, समाज की सेवा करने की हमारी इच्छा और प्रकृति समान हैं, इसलिए हमें सतत सामाजिक आर्थिक विकास के लिए एक भागीदार के रूप में एकसाथ आना चाहिए। दुनिया को सहयोग की जरूरत है, प्रतिस्पर्धा की नहीं। हम आपसी सहयोग और समन्वय के लिए हमेशा तैयार और उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा गीता की भूमि है, कर्म की भूमि है। हमारा मानना है कि व्यवसाय या आर्थिक पहलुओं के साथ-साथ मानवीय तत्वों पर भी विचार करना उतना ही आवश्यक है, इसलिए व्यवसायों के विभिन्न मॉडलों जैसे बी टू बी, जी टू जी, बी टू जी के अलावा हम एच टू एच मॉडल यानी हार्ट टू हार्ट कनेक्ट में विश्वास रखते हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार एक्ट अर्थात- जवाबदेही- संचार और पारदर्शिता में विश्वास करती है। ऑटो अपील सॉफ्टवेयर द्वारा सेवा का अधिकार प्रदान करके जवाबदेह शासन प्रणाली सुनिश्चित करना। संपर्क स्थापित करके प्रभावी संचार के लिए लगातार और सतत संवाद (चिंतन-मंथन से लेकर निर्णय लेने तक) करने तथा मौजूदा प्रणालियों में डिजिटल सिस्टम के माध्यम से पारदर्शी प्रणाली बनाने जैसे क्रान्तिकारी कदम उठाए हैं।
निवेशकों के लिए हरियाणा के साथ व्यापार करना आसान और अधिक आकर्षक बनाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों के लिए हरियाणा के साथ व्यापार करना आसान और अधिक आकर्षक बनाएगी। हमारे पहले से ही अफ्रीका के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक संबंध हैं और हम अफ्रीका में काम करने के लिए अपने उद्योग का सहयोग करेंगे।
उन्होंने कहा कि इस औद्योगिक क्रांति में पूंजी से ज्यादा प्रतिभा का महत्व है। इसलिए हमें आर्थिक विकास में निवेश करने की आवश्यकताओं के साथ-साथ मानव पूंजी के विकास में निवेश करने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। नए अवसरों का उचित उपयोग नौकरी ढूंढने वालों को नौकरी देने वाला बना सकता है।
उन्होंने कहा कि पारंपरिक विनिर्माण युवाओं के लिए रोजगार का एक प्रमुख स्रोत तो बना रहेगा ही, वहीं दूसरी ओर, मानव संसाधनों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने कौशल को बढ़ाकर अपने जीवन में बदलाव लाएं। इसलिए शिक्षा और कौशल विकास के प्रति हरियाणा के दृष्टिकोण और नीतियों को तेजी से बदलना होगा। स्कूल और विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को इस तरह से डिजाइन करना होगा कि वे युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर सकें। इस उद्देश्य के लिए हरियाणा ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की और हरियाणा कौशल विकास मिशन शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य युवाओं को प्रासंगिक तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करना है।
अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रहेगा- मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य के बहुआयामी विकास के विषय पर आप सभी के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। इस संबंध में हमें सर्वोत्तम प्रथाओं और नीतियों को एक साथ साझा करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में शीर्ष पर रहेगा। हम अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को और गहनता के साथ बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी विकास साझेदारी आप सबकी प्राथमिकताओं द्वारा निर्देशित होगी। हम स्थानीय अवसरों के अनुसार स्थानीय क्षमता का निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम डिजिटल क्रांति के साथ हरियाणा के अनुभव का उपयोग अफ्रीका के विकास का समर्थन करने के लिए, सार्वजनिक सेवाओं के वितरण में सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य का विस्तार, डिजिटल साक्षरता का प्रसार, वित्तीय समावेशन का विस्तार और जरूरतमंदों को मुख्यधारा में लाने जैसी गतिविधियों में करेंगे।
उन्होंने कहा कि अफ्रीका के पास विश्व की कृषि योग्य भूमि का लगभग 60 प्रतिशत है, लेकिन वह वैश्विक उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत उत्पादन करता है। इसी तरह, हरियाणा भारत में 1.5 प्रतिशत क्षेत्र होने के बावजूद भी कृषि उपज में 15 प्रतिशत का योगदान करता है। हम इस क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने व लागू करने में दीर्घकालिक जुड़ाव के साथ अफ्रीका की कृषि को बेहतर बनाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
हरियाणा निरंतर प्रगति कर रहा है
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा हर दिन तरक्की कर रहा है और नए मील के पत्थर हासिल कर रहा है। समाज की सेवा करने के लिए हमारी स्पष्ट दृष्टि, राजनीतिक इच्छाशक्ति, सुशासन, पंक्ति में अंतिम व्यक्ति के लिए सहानुभूति, सामाजिक आर्थिक विकास के लिए हितधारकों के साथ सशक्तिकरण और भागीदारी भविष्य की सफलता के लिए मुख्य फोकस होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने पर जोर दे रही है कि महिलाओं, पुरुषों, युवाओं और समाज के सभी वर्गों को सस्ती तथा गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक प्रशिक्षण, उच्च शिक्षा सहित सभी सरकारी योजनाएं व सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध हों।
पंक्ति में अंतिम व्यक्ति का विकास ही हमारा उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के लिए योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने हेतु एक महत्वकांक्षी योजना पीपीपी (परिवार पहचान पत्र – हरियाणा के सभी नागरिकों के लिए परिवार आईडी) लागू की है। नव तकनीक और डिजिटल हस्तक्षेप बेहतर सेवा वितरण, उत्पादकता स्तर बढ़ाने और प्रासंगिक मुद्दों के बेहतर प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। इस दिशा में हरियाणा में अनुभव काफी सकारात्मक रहा है। विभिन्न कानूनों का अनुपालन, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा और लाभार्थियों को कई सरकारी योजनाओं का प्रत्यक्ष भुगतान प्रौद्योगिकी द्वारा बेहतर सेवा वितरण के उदाहरण हैं।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया परिवर्तन की राह पर है। नई तकनीक और डिजिटल इंटरफेस एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर रहे हैं जो नए अवसरों और चुनौतियों दोनों को इजाद कर रही है। नई प्रक्रियाएं और नए उत्पाद आर्थिक विकास के नए रास्ते खोल रहे हैं। मानव और मानवीय मूल्य हमेशा विकास और प्रगति के केंद्र रहे हैं। इसलिए, हमें आपसी जुड़ाव के साथ प्रभावशाली विचार देने की जरूरत है, जिसका हम जैसे देशों और राज्यों के लोगों व अर्थव्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, यह कहना जल्दबाजी होगी कि बढ़ती असमानताओं और तेजी से हो रहे बदलावों का समाज और मानवीय मूल्यों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। लेकिन औद्योगिक उत्पादन, डिजाइन और निर्माण में मूलभूत परिवर्तन होंगे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म, ऑटोमेशन और डेटा-फ्लो भौगोलिक दूरियों के महत्व को कम कर रहे हैं। जब डिजिटल प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स और मार्केटप्लेस ऐसी तकनीकों से जुड़ते हैं, तो विकासशील समाज में एक नए प्रकार के उद्योग और व्यापारिक नेतृत्व उभरेंगे। जिस तरह से और जिस गति से तकनीक चल रही है, वह एक मील का पत्थर साबित हो रही है, जो मानव इतिहास में पहले कभी दर्ज नहीं किया गया था और यह स्पष्ट है कि जो कुछ भी होगा वह गहरा और उल्लेखनीय होगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अफ्रीका कॉन्क्लेव श्रृंखला -1 हरियाणा अफ्रीका संबंधों को और मजबूत करेगा, जिससे सहयोग और पारस्परिक विकास की नई परिभाषा स्थापित होगी। अफ्रीका-हरियाणा टीम को इस विषय पर व्यापक तरीके से विचार करना चाहिए और वैश्विक धारणाओं को बदलें। इससे पूर्व श्री राजशेखर, ओएसडी (राज्य), विदेश मंत्रालय, भारत सरकार तथा रिट्रिया, इथोपिया, घाना, केन्या, मेडागास्कर, मलावी, नाईजीरिया, तंजानिया, युगांडा, लोकतांत्रिक गणराज्य मोज़ांबीक, सेनेगल और जिम्बाब्वे के राजदूतों एवं वरिष्ठ दूातावास अधिकारियों ने भी सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों के साथ विदेश सहयोग विभाग द्वारा तैयार की गई हरियाणा-अफ्रीका रिलेशन टूवर्ड्स प्रोग्रेसिव फ्यूचर नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेंद्र चौधरी और महानिदेशक श्री अनंत प्रकाश पांडे, सलाहकार श्री वरुण चौधरी सहित हरियाणा सरकार के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।